पाक सेना ने कहा, कुलभूषण जाधव मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के कानूनी विकल्पों पर हो रहा विचार
पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बयान दिया है कि कुलभूषण जाधव मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के लिए कई कानूनी विकल्पों पर विचार हो रहा है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान की कैद में मौजूद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए सजा-ए-मौत के खिलाफ अपील के दरवाजे निकालने के लिए पाकिस्तान विकल्प तलाश रहा है. पाक सेना के मुताबिक कुलभूषण जाधव मामले की समीक्षा के लिए कई कानूनी विकल्पों पर विचार हो रहा है. हालांकि पाक सेना न इसके लिए आर्मी एक्ट में संशोधन की खबरों को खारिज किया.
पाकिस्तानी मीडिया में मंगलवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से आई खबरों में पहले कहा गया था कि जाधव को नागरिक कोर्ट में अपील की इजाजत मिल सके इसके लिए पाक सरकार सैन्य कानून कर सकती है. हालांकि कुछ घंटों बाद पाक सेना प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि आईसीजे के फैसला लागू करने के लिए आर्मी एक्ट में संशोधन को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. यह अनुमान ठीक नहीं हैं. जाधव मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के लिए कई कानूनी विकल्पों पर विचार हो रहा है. इस बारे में कोई अंतिम फैसला होने पर स्थिति साझा की जाएगी.
पिछली 17 जुलाई 2019 को दिए फैसले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपने फैसले में पाकिस्तान को जाधव के मामले में वियना संधि के उल्लंघन का दोषी करार दिया था. वहीं कुलभूषण को न्यायसम्मत सुनवाई के अधिकार देने के लिए जरूरत पड़ने पर अपने मौजूदा कानूनों में सुधार करने को भी कहा था. बीते माह पाक विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार इस मामले पर आगे की कानूनी और तार्किक कार्रवाई के लिए कदम बढ़ा रहा है.
महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान ने मार्च 2016 में जाधव को भारतीय जासूस बताते हुए गिरफ्तार किया और अप्रैल 2017 में पाक सैन्य अदालत ने सजा-ए-मौत सुना दी थी. हालांकि झूठे आरोपों और कंगारू कोर्ट तरीके से जाधव पर चलाए इस मुकदमे के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था. करीब 30 महीने की कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने पाकिस्तान को वियना संधि के उल्लंघन का दोषी करार देते हुए जाधव के लिए भारत को कांसुलर सम्पर्क मुहैया कराने का आदेश दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने जाधव को एक बार कांसुलर सम्पर्क की इजाजत तो दी लेकिन पाबंदियों के साथ.
पाकिस्तान का ताज़ा कदम अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के दबाव का फैसला नज़र आता है. बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय अदालत के कामकाज की जानकारी साझा करते हुए आईसीजे प्रेजिडेंट अब्दुलकावी यूसुफ ने बताया था कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान के खिलाफ मानवाधिकार संरक्षण के लिए बनी वियना संधि 1963 का उल्लंघन पाया गया था. इसके अनुरूप ही आईसीजे ने अपना फैसला दिया.