नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल देश के नाम अपने संबोधन में वैक्सीन नीति में बड़े बदलाव का ऐलान किया था. प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था कि अब राज्यों के हिस्से की वैक्सीन भी केंद्र सरकार ही खरीदेगी. साथ ही 21 जून से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का भी ऐलान किया गया.


ऐसे में अब केंद्र सरकार को पहले की अपेक्षा ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ेगी. वित्त मंत्रालय के सूत्रों का आंकलन है कि पीएम के जरिए घोषित नई वैक्सीन नीति के लिए अब 45000-50000 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि फिलहाल वैक्सीन खरीदने के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है क्योंकि इसके लिए बजट में ही प्रावधान किए गए थे.


35000 करोड़ रुपये का प्रावधान


आपको याद दिला दें कि इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैक्सीन की खरीद और उसे लोगों को देने के लिए 35000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. अब तक केंद्र सरकार ने कोवैक्सीन, कोविशिल्ड और स्पुतनिक वी की खरीद के लिए बजटीय प्रावधान से ही पैसे खर्च किए हैं. अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने एक नए स्वदेशी वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल ई की प्रस्तावित वैक्सीन के 30 करोड़ डोज के लिए भी 1500 करोड़ का अग्रिम भुगतान किया है.


वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बजटीय प्रावधान के अलावा पैदा हुए जरूरत को पूरा करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में पूरक अनुदान मांगों के जरिए संसद की अनुमति ली जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी है कि वैक्सीन के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी.


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