Corona की सुनामी के बीच हिल स्टेशन्स पर उमड़ी भीड़, New Year Eve 2022 पर जश्न के लिए जोखिम में डाल रहे पर्यटक
New Year 2022: कोरोना संकट के बीच नए साल के स्वागत के लिए लोग अपने फेवरेट टूरिस्ट डेशटिनेशन पर पहुंच गए हैं. शिमला, मनाली, मसूरी, नैनीताल तक हिल स्टेशंन्स पर लोगों का हूजूम उमर पड़ा है.
New Year: देश में जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) की सुनामी के बीच हिल स्टेशन्स (Hill Stations) पर पर्यटकों (Tourist) की भीड़ उमड़ने लगी है. पर्यटक नए साल पर जान जोखिम में डाल रहे हैं. नए साल के जश्न में लोग इस तरह से डूबे हैं, मानों सब सामान्य है, कुछ हुआ ही नहीं है. बेखौफ जनता को देखने से लगता ही नहीं की पर्यटकों को कोरोना का डर है. कश्मीर से लेकर दार्जिलिंग और शिलांग तक कोरोना से बेखौफ पर्टयक जश्न में डूबे हुए हैं.
ना चेहरे पर मास्क है. ना दिल में कोरोना का डर
देश में ऐसा कोई हिल स्टेशन नहीं है जो खचाखच ना भर गया हो. ओमिक्रोन (Omicron Variant) संकट के बीच नए साल के स्वागत के लिए लोग सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर अपने फेवरेट टूरिस्ट डेशटिनेशन पर पहुंच गए हैं. शिमला, मनाली, मसूरी, नैनीताल चाहे जो भी नाम ले लीजिए, इन हिल स्टेशंन्स पर लोगों का हूजूम उमर पड़ा है. हर कोई नए साल के जश्न के लिए बेताब है ना चेहरे पर मास्क है. ना दिल में कोरोना का डर. बस नए साल के खुमारी छाई है.
जैसलमेर में भी कोरोना नियम ताक पर रखकर लोग मौज मस्ती कर रहे हैं. कुछ जगहों पर प्रशासन ने सख्ती बरती है. जयपुर में पुलिस ने तौबा नाम का अभियान चलाया है, जिसके तहत नए साल के जश्न में सड़क पर हुड़दंग मचाने वालों को थाने में बिठा सबक सिखाया जा रहा है ताकि इनको अक्ल आ जाए.
जान बची तो लाखों पाय
हमारी जिम्मेदारी देश को आगह करने की है, सरकार की जिम्मेदारी जनता को जागरूक करने की है. पुलिस की जिम्मेदारी नियमों के पालन करवाने की है, पर इन पर अमल करने का काम जनता का है. अगर जनता नहीं समझेगी तो फिर शायद लोग अपनों को खोएंगे. ऑक्सीजन के लिए तड़पेंगे, इसलिए जान जरूरी है और कहावत भी है जान बची तो लाखों पाय. जान है तो सब है नहीं तो फिर कुछ नहीं.