New Year Celebration: नया साल काफी नजदीक है. नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग टूरिस्ट प्लेसिस पर पहुंचते हैं. हर साल देखा जाता है कि नया साल बंपर सीज़न रहता है. क्रिसमस से न्यू ईयर तक छुट्टियों में लोग पहाड़ों का भी रुख करते है. हालांकि पिछले तीन सालों से नए साल का जश्न कोरोना की वजह से काफी फीका रहा है.


इस साल कुछ दिनों पहले तक लोग नए साल के जश्न को लेकर बेहद उत्साहित थे. काफी लोग वेकेशन प्लान कर रहे थे लेकिन जिस तरह से चीन से परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही है उसके बाद भारत के लिए भी एक खतरे की घंटी है. इस खतरे की घंटी से सतर्क होना पहले ही बेहतर है. सरकार की तरफ से अभी तक कोरोना वायरस को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. अगर नए साल के जश्न में सैकड़ों की तादाद में लोग एक जगह इकट्ठा हुए तो जरूर इससे खतरा बढ़ सकता है. 


नए साल के जश्न के लिए मसूरी पहुंचे लोग


उत्तराखंड के मसूरी को क्वीन ऑफ हिल्स के नाम से जाना जाता है. हर साल नए साल पर यहां लोगों की भीड़ भी होती है. नए साल पर मसूरी के माल रोड पर लोग खचाखच भरे होते हैं और पैर रखने की जगह भी नहीं होती है. हालांकि पिछले 3 सालों से यह रोनक काफी कम रही है. लेकिन इस साल नए साल से 3 दिन पहले ही बड़ी संख्या में मसूरी में लोग नया साल मनाने पहुंच गए हैं. 3 दिन पहले से ही लोगों को होटल की बुकिंग मुश्किल से मिल रही है. इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब अभी यह हाल है तो नए साल से एक दिन पहले मसूरी में कितनी भीड़ होने वाली है.


कोरोना को लेकर सतर्क रहे 


पहाड़ पर नया साल मनाने का रिवाज कोई नया नहीं है लेकिन चीन से आ रही करोना की खतरनाक तस्वीरें इतिहास और सावधानी के लिए बार-बार सतर्क कर रही हैं जिसको भूलना नहीं चाहिए. हालांकि अभी उत्तराखंड सरकार की तरफ से पहाड़ों पर आ रहे लोगों के लिए न तो कोई रैंडम कोरोना टेस्टिंग हो रही है, न ही बॉर्डर पर किसी तरह की कोई चेकिंग चल रही है. सरकार ने कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की है लेकिन सावधानी के लिए और इतिहास के लिए बेहद जरूरी है कि अगर आप पब्लिक प्लेस पर जा रहे हैं तो मास्क जरूर पहने कुछ हद तक इससे बचाव जरूर होता है.


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