बिहार : भारत बंद की बलि चढ़ गया नवजात, एम्बुलेंस को भी नहीं मिला रास्ता
महनार से हाजीपुर सदर अस्पताल जिस एम्बुलेंस को महज एक घंटे से भी कम समय में पहुचना चाहिए था वो लगभग ढाई घंटे में पहुची. लेकिन जब सदर अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे को देखा तबतक उसकी मौत हो चुकी थी.
बिहार : एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश दलित वर्ग के लोगों ने बिहार भर में जम कर विरोध प्रदर्शन किया. बिहार के हर शहर में ऐसे प्रदर्शन किए गए. भारत बंद के दौरान बिहार के वैशाली में एक नवजात की जाम में फंसकर मौत हो गई.
महानार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आज ही जन्मे बच्चे की तबियत बिगड़ने पर उसे हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर किया गया था. पहले तो किसी तरह प्राइवेट एम्बुलेंस मिली क्योकि पिछले बंद में बंद करने वाले लोगों ने एम्बुलेंस को भी आग के हवाले कर दिया था. किसी तरह बच्चे को लेकर चली भी तो बंद के कारण एम्बुलेंस को जगह जगह रोका गया, हर चौक चौराहों पर लोग टायर जलाकर लोग सभी गाडियों को रोक रहे थे.
कई जगह तो लोगों ने एम्बुलेंस पर लाठिया भी चलाई. महनार से हाजीपुर सदर अस्पताल जिस एम्बुलेंस को महज एक घंटे से भी कम समय में पहुचना चाहिए था वो लगभग ढाई घंटे में पहुची. लेकिन जब सदर अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे को देखा तबतक उसकी मौत हो चुकी थी.
एक नवजात बच्चे की मौत महज जाम के वजह से हो गई थी. जाम की वजह से रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस में ही अपना आपा खो दिया बच्चे के चेहरे को देख दर्द से कराह उठे.
बता दें कि बिहार के आरा में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को रोका और नारेबाजी की. आंदोलनकारी इतने जोश में थे कि वो ट्रेन पर चढ़ गए. उन्हें ट्रैक से हटाने में पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी.