नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि मैक्स अस्पताल के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जएगा. मैक्स अस्पताल ने दो जुड़वां नवजातों को मरा हुआ घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में जुड़वा बच्चों में से एक जीवित पाया गया था. इस मामले में अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है.


सत्येंद्र जैन ने कहा, "जब हमें अस्पताल की लापरवाही के बारे में पता चला तो हमने इसकी जांच के आदेश दिए. मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यदि वे सही ढंग से काम नहीं करेंगे तो हम अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर देंगे." उन्होंने कहा कि सोमवार तक जांच रिपोर्ट आ जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल को आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के मरीजों का सही से इलाज नहीं करने के लिए 22 नवंबर को कारण बताओ नोटिस दिया गया था.


मेडिकल लापरवाही के इस मामले में शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने शुक्रवार को जुड़वां बच्चों को मृत घोषित कर दिया था और नवजातों के लाश को पॉलिथीन में डालकर परिवार को सौंप दिया था. लेकिन उनमें एक नवजात को जिंदा पाया गया. इस घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को जांच के आदेश दिए.


पीड़ित परिवार के मुताबिक, गुरुवार को पैदा हुए ये जुड़वां बच्चे समय से पहले ही जन्म ले लिया. एक नवजात पैदा होते ही मर गया, लेकिन दूसरे को कई घंटों बाद मृत घोषित कर दिया गया.


मैक्स अस्पताल ने जारी बयान में कहा, "यह हमारे संज्ञान में आया है कि शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल ने 22 सप्ताह के नवजात को मृत बताकर परिवार को सौंप दिया. यह नवजात 30 नवंबर की सुबह पैदा हुए जुड़वां बच्चों में से एक था, जबकि दूसरा पैदा होते ही मर गया था."


बयान के मुताबिक, "हम इस घटना से दुखी और चिंतित हैं. हमने इसकी जांच शुरू कर दी है और इस मामले से जुड़े चिकित्सक को तुरंत छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया है." अस्पताल ने कहा कि वह परिवार के संपर्क में है और उन्हें पूर्ण सहयोग करने के लिए तैयार है.