नई दिल्ली: सूचना का अधिकार यानी राइट टू इन्फॉर्मेशन इन शब्दों को आपने पहले भी जरूर सुना या पढ़ा होगा. 2005 से लागू सूचना के अधिकार ने आम आदमी को इतनी ताकत दे दी कि वह भ्रष्ट सरकारी बाबुओं से लेकर भ्रष्ट अधिकारियों तक की नींद हराम कर दे. 'सूचना का अधिकार' लागू होने के बाद जनता पहले से ज्यादा जागरुक हो गई और RTI लोगों के बीच क्रांति का एक नया माध्यम बनकर उभरा.


आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप RTI का इस्तेमाल करके सरकारी विभाग से सूचना मांग सकते हैं? RTI के जरिए आप सरकार से किसी प्रमाणित दस्तावेज की कॉपी भी मांग सकते हैं.


RTI के तहत आने वाले विभाग
आपको बता दें RTI के तहत चुनाव आयोग, संसद और विधानमंडल, सभी सरकारी ऑफिस, कोर्ट,  सभी सरकारी बैंक, पुलिस विभाग, सरकारी अस्पताल, सरकारी बीमा और फोन कंपनियां, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री कार्यालय आते हैं.


देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित करने वाली सूचना नहीं दी जाएंगी
जो सूचनाएं देश की एकता, अखंड़ता और सुरक्षा को प्रभावित करती हैं वे सूचनाएं आपको नहीं दी जाएंगी. सेक्शन 8 के तहत विभाग के आंतरिक जांच से संबंधित सूचना भी आपको नहीं दी जा सकती है. आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि सूचना का अधिकार जम्मू-कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू है.


कैसे करें RTI के लिए आवेदन ?
आप प्लेन पेपर पर एप्लिकेशन लिख कर संबंधित विभाग से जानकारी मांग सकते हैं. एप्लिकेशन के साथ आपको 10 रुपए की फीस भी जमा करानी होगी. सेक्शन 7(5) के तहत BPL कार्ड धारकों को RTI की फीस नहीं देनी होती है. आपको बता दें सूचना के अधिकार के सेक्शन 6(3) के तहत आपकी एप्लिकेशन अगर गलत विभाग में चली जाती है तो इस सेक्शन के इस्तेमाल से वह विगाभ आपकी एप्लिकेशन को सही विभाग में भेज देगा. इसलिए एप्लिकेशन लिखते समय आप इस सेक्शन का जिक्र जरूर करें



RTI से जुड़ी ये जानकारी आपके लिए जानन है बेहद जरूरी 




  • RTI के अधिकार के तहत कई धाराओं का (सेक्शन) का निर्धारण किया गया है. इन धाराओं में सेक्शन 6 (1), सेक्शन 6 (3), सेक्शन 7 (5), सेक्शन 7(6), सेक्शन 8, सेक्शन 18, सेक्शन 19(1) और सेक्शन 19(3) मुख्य सेक्शन हैं.

  • सेक्शन 6(1) के तहत आपको एप्लिकेशन लिखकर सूचना मांगने का अधिकार प्राप्त है.

  • सेक्शन 6(3) के तहत आपकी एप्लिकेशन अगर गलत विभाग में चली गई है तो इस सेक्शन के इस्तेमाल से वह विगाभ आपकी एप्लिकेशन को सही विभाग में भेज देगा. इसलिए एप्लिकेशन लिखते समय आप इस सेक्शन का जिक्र जरूर करें.

  • सेक्शन 7(5) के तहत BPL कार्ड धारकों को RTI शुल्क नहीं देना होता है.

  • सेक्शन 7(6)  के तहत अगर सूचना 30 दिनों के अंदर नहीं दी जाती है तो आपको सूचना मुफ्त में दी जाएगी. वैसे RTI आवेदन करने की फीस 10 रुपये है.

  • सेक्शन 8 के तहत वे सूचनाएं नहीं दी जाएंगी जो देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित करती हों. विभाग के आंतरिक जांच से संबंधित सूचना भी आपको नहीं दी जाएगी.

  • सेक्शन 18 के तहत अगर कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए.

  • सेक्शन 19(1) के तहत अगर आप की RTI का जवाब 30 दिनों में नहीं आता तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को फर्स्ट अपील कर सकते हैं.

  • सेक्शन19(3) के तहत अगर आपकी फर्स्ट अपील का भी कोई जवाब नहीं आता तो आप 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील अधिकारी को दूसरी अपील कर सकते हैं.


कौन होता है सूचना अधिकारी ?
केंद्रीय सूचना आयोग ने 31 जनवरी 2006 को एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के तहत एक या उससे ज्यादा अधिकारियों को हर सरकारी विभाग में जन सूचना अधिकारी का पद दिया जाएगा.
ये जन सूचना अधिकारी मुख्य अधिकारियों के रूप में काम करते हैं. आवेदक अपना आवेदन इन अधिकारियों के पास दायर करवा सकते हैं. आपकी RTI पर अगर कोई सुनवाई नहीं होती है तो आप सेक्शन 18 के तहत अपनी शिकायत इन सूचना अधिकारियों से कर सकते हैं.


कौन होते हैं फर्स्ट अपील और सेकेंड अपील अधिकारी ?
इतना ही नहीं सेक्शन 19(1) के तहत अगर आप की RTI का जवाब 30 दिनों में नहीं आया है तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को फर्स्ट अपील कर सकते हैं. वैसे फर्स्ट अपील अधिकारी से अपील करने के बाद ही आपको सूचना मुहैया करा दी जाती है, अगर ऐसा करने पर भी आपको सूचना नहीं मिलती है तो आप सेक्शन 19(3) के तहत 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील अधिकारी को दूसरी अपील कर सकते हैं. इसके बाद सूचना से संबंधित विभाग आपको सूचना जरूर मुहैया करा देगा.