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'न्यूजक्लिक' के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
न्यूजक्लिक विवाद मामले में प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की याचिका पर शुक्रवार (6 अक्टूबर) को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
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Newsclick Row: दिल्ली हाई कोर्ट ने UAPA मामले में 'न्यूजक्लिक' के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और उसके एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने मामले में पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की अंतरिम रिहाई के अनुरोध वाली याचिकाओं पर भी पुलिस को नोटिस जारी किया.
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर शुक्रवार को ही सुनवाई करने पर सहमत हो गया था. दरअसल, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इस मामले का जिक्र किया था. जस्टिस संजीव नरूला भी इस बेंच में शामिल हैं.
सिब्बल ने कहा था, ‘‘यह ‘न्यूजक्लिक’ का मामला है. अवैध तरीके से और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन करके गिरफ्तारी की गई है.’’ सिब्बल ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह मामले को आज (6 अक्टूबर) ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करे. बेंच ने जवाब में कहा, ‘‘ठीक है.’’
पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को क्यों किया गया गिरफ्तार?
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को मंगलवार (3 अक्टूबर) को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने ‘न्यूजक्लिक’ के दिल्ली स्थित कार्यालय को सील कर दिया है. पोर्टल पर चीन के समर्थन में ‘दुष्प्रचार’ करने के लिए धन लेने का आरोप है. हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की गिरफ्तारी, उसके बाद सात दिन की पुलिस हिरासत और साथ ही दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी को चुनौती दी गई है.
दिल्ली की एक निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के 2016 के आदेश और दिल्ली हाई कोर्ट के 2010 के आदेश का जिक्र करते हुए पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की उन याचिकाओं को गुरुवार (5 अक्टूबर) को मंजूर कर लिया था जिसमें प्राथमिकी की एक प्रति मुहैया कराए जाने का अनुरोध किया गया.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम शामिल हैं और डेटा के विश्लेषण में जिन संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, मंगलवार को दिल्ली में उनसे जुड़े 88 परिसरों और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापेमारी की गई.
‘न्यूज क्लिक’ से जुड़े 46 पत्रकार और अन्य लोगों से मंगलवार को पूछताछ की गई थी और लैपटॉप और मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया था. पत्रकारों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न संगठनों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
FIR में लगाया गया ये गंभीर आरोप
दिल्ली पुलिस ने ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि भारत की संप्रभुता में हस्तक्षेप करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से चीन से बड़ी मात्रा में धन आया. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को समाचार पोर्टल को प्राथमिकी की एक प्रति दी है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्राथमिकी के अनुसार दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी चीनी कंपनियों ने भारत में हजारों मुखौटा कंपनियां बनाईं. प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘भारत की संप्रभुता में हस्तक्षेप करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से रची गई साजिश के तहत चीन से बड़ी मात्रा में धन राशि भेजी गई और जानबूझकर ‘पेड न्यूज’ (प्रचार के लिए नकद या किसी मूल्य के बदले समाचार या लेख का प्रकाशन) का प्रसार किया गया था, जिसमें घरेलू नीतियों, भारत की विकास परियोजनाओं की निंदा की गई थी और चीन सरकार की परियोजनाओं और रक्षा नीतियों और कार्यक्रमों की प्रशंसा की गई थी.’’
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए ‘पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेकुलरिज्म (पीएडीएस) नाम के समूह के साथ साजिश रची थी.
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