NewsClick Case: न्यूज़क्लिक पोर्टल (NewsClick Portal) ने अपने खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में लगाए गए आरोपों को अस्वीकार्य और फर्जी करार देते हुए खारिज कर दिया है. न्यूजक्लिक ने कहा है कि उसके खिलाफ की गई कार्रवाई भारत में स्वतंत्र और स्वतंत्र प्रेस को कुचलने के एक जबरदस्त प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है. 


बताते चलें कि दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत दर्ज एक एफआईआर में आरोप लगाया है कि भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने और 'बड़ी आपराधिक साजिश' के हिस्से के रूप में देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन हुआ है.  


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एफआईआर में दावा किया गया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने फर्जी तरीके से विदेशी फंड का निवेश किया था. इस सबके बाद ही दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को न्यूज पोर्टल को एफआईआर की एक प्रति भी भेजी. 


'न्यूज़क्लिक को देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा' 
शुक्रवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी एक बयान में पोर्टल ने कहा, "न्यूज़क्लिक को चीन या चीनी संस्थाओं से कोई फंडिंग या निर्देश नहीं मिला है. इसके अलावा, न्यूज़क्लिक ने कभी भी हिंसा, अलगाव या किसी भी तरह से किसी भी अवैध कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध या प्रयास नहीं किया है..." बयान में कहा गया कि न्यूज़क्लिक को देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और विश्वास है कि उसका रुख सही साबित होगा. 


पत्रकारों के परिसरों से जुड़ी 88 जगहों पर की थी छापेमारी  
सोमवार को दिल्ली पुलिस ने पोर्टल और उसके पत्रकारों के परिसरों से संबंधित लगभग 88 स्थानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और उसके एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया था. 


'किसी भी जांच में पिछले 3 सालों में कोई आरोपपत्र या शिकायत दर्ज नहीं'  
न्यूजक्लिक ने दावा ​किया है ​एफआईआर में लगाए गए सभी आरोप प्रथम दृष्टया अस्वीकार्य और फर्जी हैं जिनको तीन सरकारी एजेंसियों - प्रवर्तन निदेशालय, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली पुलिस और आयकर विभाग ने अपनी जांच में बार-बार लगाया है. इसमें कहा गया है कि इनमें से किसी भी जांच में पिछले 3 सालों में कोई आरोपपत्र या शिकायत दर्ज नहीं की गई.  


दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई लेटेस्ट FIR  
पोर्टल ने बयान में कहा कि पुरकायस्थ को इन जांचों में अंतरिम सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब दिल्ली पुलिस की ओर से ताजा एफआईआर दर्ज की गई. पोर्टल ने यह भी कहा कि पुरकायस्थ को विशेष न्यायाधीश, पटियाला हाउस के निर्देशों के अनुसार गुरुवार रात को ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की ओर से दर्ज की गई एफआईआर की प्रति प्रदान की गई थी.   


इसमें कहा गया है, "हमने तुरंत दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और एफआईआर को रद्द करने के साथ-साथ प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को उनकी अवैध पुलिस हिरासत से रिहा करने की मांग की है."


दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13, 16,17, 18 और 22सी और आईपीसी की धारा 153ए और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी और पुरकायस्थ और एचआर हेड को भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से विदेशी धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 


सोमवार को 10 लोगों से हो सकती है पूछताछ 
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस सोमवार को एफआईआर में शामिल 10 लोगों से पूछताछ कर सकती है. इसमें न्यूज क्लिक के सीनियर पत्रकार और कंट्रीब्यूटर्स शामिल हैं. 


पुलिस 20 लोगों से पहले कर चुकी पूछताछ
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर मामले से जुड़े लोगों के एक अन्य ग्रुप को बुलाया है. वहीं, गुरुवार और शुक्रवार को कम से कम 20 लोगों को पहले ही पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है. 


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