दिल्ली पुलिस की ईगल आई से बच नहीं सका वाहन चोरों और झपटमारों का नेक्सस, 15 गिरफ्तार
पुलिस का कहना है कि 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से 125 दुपहिया वाहन (जिसमें बाइक और स्कूटी शामिल है) बरामद किये गए हैं. सारे वाहन चोरी के पाए गए हैं.
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में चल रहे वाहन चोरों और झपटमारो के एक खतरनाक नेक्सस का भंडाफोड़ किया है. आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने ईगल आई ऑपरेशन-टू के तहत 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो वाहन चोरी और झपटमारी की वारदात में लिप्त हैं. पुलिस ने इनके पास से 125 दुपहिया वाहन बरामद किए हैं, जिसमें 41 हाई स्पीड मोटर बाइक शामिल है. साथ ही 6 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जो या तो चोरी के हैं या फिर झपटमारी के. गिरफ्तार आरोपियों में से चार घोषित बदमाश है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है की राजधानी में वाहन चोरों और झपटमारो का एक खतरनाक नेक्स्स बन चुका है, जो समय-समय पर एक दूसरे की मदद से दिल्ली की सड़कों पर अपराध को अंजाम देते हैं.
कैसे दिया गया ईगल आई ऑपरेशन-2 को अंजाम
आउटर डिस्ट्रिक्ट डीसीपी ए कॉन ने बताया की जिले की पुलिस ने झपटमारो और वाहन चोरों के नेक्सस को तोड़ने के लिए ईगल आई ऑपरेशन की शुरुआत की थी, जिसमें जिले के तमाम पुलिस अधिकारियों को लगाया गया था. पुलिस ने इस ऑपरेशन के तहत पहले भी सफलता हासिल की है. इस बार इस ऑपरेशन की दूसरी कड़ी की शुरूआत की जिसमें सुल्तानपुरी थाने की टीम ने इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई है.
पुलिस ने सूचना के आधार पर पुराने मच्छी चौक के पास से एक बाइक पर सवार 3 संदिग्धों को पकड़ा. जांच में बाइक चोरी की पाई गई. पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन सबका सरगना सागर उर्फ मोनू उर्फ ज़ाकिर है. पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने ज़ाकिर सहित 12 और वाहन चोरों व झपटमारों को गिरफ्तार किया.
कैसे चलता है नेक्सस
पुलिस का कहना है कि 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से 125 दुपहिया वाहन (जिसमें बाइक और स्कूटी शामिल है) बरामद किये गए हैं. सारे वाहन चोरी के पाए गए हैं. पूछताछ में इन लोगों ने खुलासा किया है कि इनमें से कुछ झपटमार हैं और कुछ वाहन चोर. दोनों साथ मिलकर काम करते हैं, या यूं कहें कि दोनों एक दूसरे के लिए काम करते हैं.
पुलिस ने दावा किया है कि वाहन चोर और झपटमार एक दूसरे के लिए काम कर रहे हैं. वाहन चोर दुपहिया वाहनों को चोरी करने के बाद उन्हें झपटमारों को उपलब्ध कराता है. इसके बदले में उसे प्रतिदिन के हिसाब से उस दुपहिया वाहन का किराया मिलता है या फिर हिस्सा. चोरी के वाहन पर रोड रोबरी या फिर स्नेचिंग की वारदातों को अंजाम दिया जाता है. पकड़े न जाए इसलिए ये सभी लोग चोरी के वाहनों को किसी अज्ञात स्थान पर लावारिस खड़ा कर देते हैं, जैसे नाले के नजदीक रोड पर, किसी सर्विस रोड पर आदि. पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी के बाद न केवल की आउटर बल्कि वेस्ट, आउटर नार्थ, रोहिणी, नार्थ-वेस्ट, नार्थ-ईस्ट, सेंट्रल, नई दिल्ली आदि जिलों के थानों में दर्ज वाहन चोरी के मामले भी सुलझे हैं.
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