विशाखापट्टनम गैस हादसे का जिम्मेदार कौन? NGT ने जांच के लिए गठित की कमेटी
विशाखापट्टनम में कल यानी 7 मई को हुई गैस ट्रैजडी पर संज्ञान लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार समेत अन्य पक्षों को तो नोटिस जारी किया ही है, लेकिन उसके साथ ही 5 सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया है.
नई दिल्ली: विशाखापट्टनम में हुए गैस हादसे को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने स्वत संज्ञान लेते हुए आंध्र प्रदेश सरकार, विशाखापटनम के जिला मजिस्ट्रेट, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण मंत्रालय और एलजी पॉलीमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. एनजीटी ने इसके साथ ही शुरुआती तौर पर गैस लीक की जिम्मेदार आरोपी कंपनी एलजी पॉलीमर को 50 करोड़ रुपये सरकारी खाते में जमा कराने का आदेश दिया है.
5 सदस्यीय कमेटी करेगी घटना की पड़ताल विशाखापट्टनम में कल यानी 7 मई को हुई गैस ट्रैजडी पर संज्ञान लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार समेत अन्य पक्षों को तो नोटिस जारी किया ही है, लेकिन उसके साथ ही 5 सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया है. 5 सदस्यीय कमेटी पूरे घटनाक्रम का पता लगाएगी, आखिर इस चूक की वजह क्या हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इस घटना के चलते इंसानों, जानवरों और पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा है, इस बात का आंकलन करेगी. पीड़ितों और पर्यावरण के नुकसान और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हर्जाना/जुर्माना कितना होना चाहिए, इस बात पर रिपोर्ट तैयार करेगी. कमेटी इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की घटना ना हो, इसको लेकर भी सुझाव देगी.
आरोपी कंपनी को शुरुआती तौर पर 50 करोड़ जमा कराने का आदेश एनजीटी के आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर कोरोना के चलते किये गए लॉकडाउन की वजह से कमेटी के सदस्य मौका ए वारदात पर नहीं भी पहुंच पाते तो वह फिलहाल ऑनलाइन ही तथ्यों का पता लगाकर अपनी जांच आगे बढ़ाएंगे. अगर मुमकिन हुआ तो आने वाले दिनों में घटनास्थल का मुआयना भी करेंगे. एनजीटी ने इसके साथ ही शुरुआती तौर पर एलजी पॉलीमर को 50 करोड़ रुपये विशाखापट्टनम के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास जमा कराने का आदेश भी दिया है.
इंसानों से लेकर पशु-पक्षियों और पर्यावरण तक को हुआ नुकसान गौरतलब है विशाखापट्टनम में 7 मई को रात 2.30 से 3 बजे के करीब गैस रिसाव के चलते आपातकालीन हालात बन गए थे. इस गैस रिसाव के चलते 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हो गए, जिसमें से 25 लोगों की हालत अभी भी गंभीर है. वहीं पूरे इलाके में हज़ार से ज्यादा लोगों के ऊपर इस गैस रिसाव का असर पड़ा है. इतना ही नहीं पशु पक्षियों से लेकर पर्यावरण पर भी इस गैस रिसाव के चलते बड़ा नुकसान हुआ है. फिलहाल एनजीटी ने इन्हीं सब बातों का संज्ञान लेते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 18 मई तक जवाब देने को कहा है. 18 मई को अब इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
Lockdown का क्या हो exit plan? जयंत सिन्हा और अभिषेक मनु सिंघवी में बड़ी बहस e-Shikhar Sammelan
ये भी पढ़ें:
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन से कटकर मजदूरों की मौत, पढ़ें अब तक के सारे अपडेट्स
Coronavirus: भारत में फेविपिराविर दवा के ट्रायल के लिए मिली मंजूरी, CSIR ने मांगी थी इजाजत