नई दिल्ली: एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक बार फिर अपने आदेश में साफ किया है कि कोरोना काल में खराब हवा गुणवत्ता वाले शहरों और कस्बों में पटाखों की बिक्री नहीं होगी और ना ही जलाए जा सकेंगे. अगर किसी भी राज्य, शहर या कस्बे में पटाखे चलाने की अनुमति दी जाएगी, तो सिर्फ उन्हीं जगहों पर, जहां पर हवा की गुणवत्ता अच्छी से लेकर मॉडरेट लेवल तक होगी और ऐसी जगहों पर भी सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स का ही इस्तेमाल हो सकेगा वो भी अधिकतम 2 घंटे के लिए.
बुधवार को जारी किए गए आदेश में एनजीटी ने अपने पुराने आदेश को ही आगे बढ़ाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली एनसीआर सहित उन शहरों में सभी तरह के पटाख़ों पर प्रतिबंध रहेगा जहां हवा की गुणवत्ता खराब है.
एनजीटी ने अपने इस आदेश में एक बार फिर से दोहराया है कि जिन शहरों और कस्बों में हवा की गुणवत्ता खराब की श्रेणी से बेहतर होगी वहां पर ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति तो दी जा सकती है, लेकिन कुछ एक त्योहारों के दौरान ही और वह भी अधिकतम 2 घंटे के लिए. अपने पुराने आदेश की तरह ही एनजीटी ने एक बार फिर से साफ किया है कि क्रिसमस और नए साल के दौरान भी पटाखे तो जलाए जा सकेंगे, लेकिन उन्हीं शहरों में जहां पर हवा की गुणवत्ता बेहतर होगी और वह भी रात में 11:55 से लेकर 12:30 बजे तक.
एनजीटी ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वह हर एक जिले के मुख्यालय में एक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन की तीन महीने के अंदर स्थापना करें और इन मॉनिटरिंग स्टेशन द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों को वेबसाइट के साथ ही शहर या कस्बे में अलग-अलग जगह भी दिखाने की व्यवस्था की जाए.
इससे पहले एनजीटी ने अपने पुराने आदेश में दिवाली और छठ पूजा के दौरान भी दिल्ली एनसीआर समेत पूरे देश में हवा की खराब गुणवत्ता वाले शहरों और कस्बों में पटाखों के चलाने पर रोक लगा दी थी. एनजीटी ने उस आदेश में यह भी कहा था कि अगर किसी शहर या कस्बे में हवा की गुणवत्ता बेहतर है या अच्छी स्थिति में है, तो वहां पर भी अधिकतम 2 घंटे तक ही सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स ही जलाए जा सकेंगे.
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