नई दिल्ली: ऑड-ईवन पर दिल्ली सरकार घिरती नज़र आ रही है. एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि आखिर किस आधार पर आपने यह फैसला किया है. दिल्ली सरकार अब इसका जवाब दाखिल करेगी. सोमवार से दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन को लागू करने का फैसला किया है.


दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और लोग काफी परेशान हैं. तमाम ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनसे पता चलता है कि दिल्लीवासी बेहद खराब हवा के बीच रहने और जीने को मजबूर हैं. दिल्ली सरकार ने इन सबके बीच ऑड-ईवन लागू करने का फैसला किया है.



इस फैसले पर एनजीटी ने तो जवाब तलब किया ही है साथ ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री महेश शर्मा ने भी इसे तुगलकी फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि यह बिना तैयारी के उठाया गया कदम है और दिल्ली सरकार ने यातायात की वैकल्पिक व्यवस्थाएं क्या की हैं, यह भी उन्हें बताना चाहिए. महेश शर्मा ने इसे तुग़लकी फरमान बताया है.


आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने अगले सोमवार से शुक्रवार यानि पांच दिनों में शहर में ऑड-ईवन फॉर्मूले को लागू करने का फैसला किया है.  इस फॉर्मूले से सीएनजी वाहनों को बाहर रखा गया है. दो पहिया वाहनों को इससे छूट दी गई है.


खास बात ये है कि छूट पाने वाली गाड़ियों के लिए दिल्ली के 22 आईजीएल स्टेशन्स पर स्टीकर मिलेंगे और साथ ही पिछले ऑड-ईवन वाले स्टीकर भी मान्य होंगे.


हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक पिछले दिन के मुकाबले आज प्रदूषण थोड़ा कम हुआ लेकिन लेकिन अगले दो दिन तक धुंध से निजात मिलने की संभावना नहीं है.


दूसरे कदम के दौर पर दिल्ली में सड़कों पर उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है. सड़कों के किनारे जो धूल जमा हो जाती है वह काफी खतरनाक है और इसी वजह से पानी का छिड़काव कराया जा रहा है. साथ ही सभी तरह के कंस्ट्रक्शन के काम पर रोक लगी दी गई है.