How Loot Happening On Toll: सीएजी ने अपनी हाल की एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि टोल पर किस तरह से लूट हो रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के टोल नियमों को लागू न करने से न केवल राजमार्ग प्राधिकरण को ही नुकसान हुआ, बल्कि कुछ मामलों में यात्रियों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ी है. सीएजी ने गुरुवार (10 अगस्त) को संसद में पेश एक रिपोर्ट में कहा कि दो मामलों में NHAI ने टोल नियमों का उल्लंघन कर यात्रियों से 154 करोड़ रुपये वसूले हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा फोर लेन राजमार्गों के के एनएच शुल्क संशोधन नियमों को लागू न करने से एनएचएआई ने देरी से अवधि के दौरान तीन टोल प्लाजा नाथावलासा, चलागेरी, हेब्बालु पर उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करना जारी रखा. हालांकि संशोधित नियम देरी से अवधि के दौरान कोई टोल नहीं देने का प्रावधान करता है.
124.18 करोड़ रुपये का शुल्क किया गया है एकत्र
रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क उपयोगकर्ताओं ने शुल्क का भुगतान करना जारी रखा. इसके परिणामस्वरूप संशोधित टोल शुल्क नियमों का उल्लंघन करते हुए मई 2020 से मार्च 2021 के दौरान 124.18 करोड़ रुपये का शुल्क एकत्र किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएचएआई ने तमिलनाडु में परनूर टोल प्लाजा के मामले में उपयोगकर्ता शुल्क को 75% तक कम करने में देरी की और आंध्र प्रदेश में मदपम टोल प्लाजा के मामले में, उपयोगकर्ता शुल्क में कोई संशोधन न करने की शर्त के बावजूद, इसे सालाना संशोधित किया.
4 हजार करोड़ रुपये के पार है मंथली टोल कलेक्शन
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का मंथली टोल कलेक्शन 4 हजार करोड़ रुपये के पार हो चुका है. FASTag के कारण इस कलेक्शन ने रिकॉर्ड स्तर को छूआ है.
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