पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भड़की हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से गठित समिति ने बुधवार को एक अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी. एनएचआरसी कमेटी ने सीलबंद लिफाफों में अपनी पहली अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है. इसमें विस्तृत सूचकांक और पहले निष्कर्ष हैं.


कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में चुनाव बाद हिंसा के आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था. इसे 30 जून को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. जादवपुर विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को इसी कमेटी के सदस्यों पर हमला किया गया था.

NHRC के वकील ने कहा कि समिति के सदस्य अलग-अलग जगहों का दौरा कर रहे हैं और टीम को और जगहों का दौरा करने के लिए बांटा गया है. लोग सार्वजनिक रूप से पोस्ट देना सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, केवल टीमें स्थानों का दौरा कर रही हैं. वकील ने आगे कहा कि राज्य का कर्तव्य था कि वह रसद प्रदान करे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और समिति के सदस्यों पर हमला किया गया.

एनएचआरसी के वकील ने आगे कहा कि यह अंतिम रिपोर्ट नहीं है और समिति के सदस्यों ने अब तक केवल 168 स्थानों का दौरा किया है.

इसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट की कोई प्रतियां परिचालित नहीं की जाएंगी. हम पहले रिपोर्ट देखेंगे और फिर तय करेंगे कि प्रसारित करना है या नहीं. सुनवाई के दौरान फोन पर बात करने के लिए प्रेजेंटेशन देते समय मामले के याचिकाकर्ता को  जूम मीटिंग से बाहर कर दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि हम निगरानी नहीं कर रहे हैं कि जांच कैसे चल रही है. हम छोटी-छोटी बातों पर नियंत्रण नहीं कर सकते. एनएचआरसी मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.


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