‘मजबूरी में पराली जला रहे किसान, सरकारों ने नहीं किए उपाय’, NHRC ने दिल्ली-पंजाब समेत 4 राज्यों को लगाई फटकार
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कहा है कि किसान 'मजबूरी में' पराली जला रहे हैं और राज्य इसके लिए किसानों को दोष नहीं दे सकते.
Delhi-NCR Pollution Update: प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली और तीन पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों का जवाब सुनने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने अपनी बात कही. आयोग ने शनिवार (12 नवंबर) को कहा कि किसान ‘मजबूरी’ में पराली जला रहे हैं और चारों राज्य सरकारों की ‘विफलता’ के कारण पराली जलायी जा रही है.
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने से चिंतिंत आयोग ने हाल में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को इस विषय पर चर्चा करने के लिए 10 नवंबर को उसके सामने हाजिर होने को कहा था. आयोग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि संबंधित राज्यों और दिल्ली सरकार के जवाब पर गौर करने व विचार-विमर्श करने के बाद उसकी राय है कि ‘‘किसान मजबूरी में पराली जला रहे हैं.’’
‘सरकारों ने नहीं किए पर्याप्त उपाय’
NHRC ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों को पराली से मुक्ति पाने के लिए कटाई मशीन प्रदान करनी थी, लेकिन वे पर्याप्त संख्या में मशीन उपलब्ध नहीं करवा पायीं और अन्य उपाय नहीं कर सकीं, फलस्वरूप किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हैं एवं प्रदूषण फैल रहा है.’’
आयोग ने कहा, ‘‘इसलिए कोई भी राज्य किसानों को पराली जलाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, बल्कि इन चारों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में पराली जलायी जा रही है और हवा में इतना प्रदूषण फैल रहा है.’’
आयोग ने संबंधित मुख्य सचिवों को इस मामले पर अगली सुनवाई के दिन 18 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से या डिजिटल तरीके से पेश होने, उसकी की ओर से उठाये गये बिंदुओं पर ‘‘चार दिनों के अंदर ही’ अपना जवाब या हलफनामा दाखिल करने को कहा है ताकि उनपर चर्चा हो.
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