नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पुलिस में भर्ती के लिए उम्मीदवारों के सीने पर कथित रूप से जाति वर्ग लिखने के मामले को गंभीरता से लिया. आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों के सीने पर अगर सच में ऐसा कुछ लिखा गया है तो इससे भेदभाव और आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार का पता चलता है.


एनएचआरसी ने कहा, ‘‘अधिकारियों की तरफ से किया गया इस तरह का घृणित कृत्य सभ्य समाज में किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जा सकता क्योंकि यह समानता और गरिमा के अधिकार के उल्लंघन के बराबर है.’’ धार जिले की घटना तब सामने आयी जब कई अखबारों में ऐसी तस्वीरें छपीं जिनमें पुलिस भर्ती के लिए आए कैंडिडेट्स के सीने पर स्केच पेन से एससी (अनुसूचत जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) और जी (सामान्य) लिखा हुआ था.


स्वास्थ्य परीक्षण प्रक्रिया का संचालन कर रहे अधिकारियों ने पुलिस से कहा था कि ये चिह्न इसलिए बनाए गए क्योंकि सभी जाति के लिए शारीरिक तंदुरूस्ती को लेकर अलग-अलग मानदंड बनाए गए थे. भर्ती में सहूलियत हो और कोई उम्मीदवार किसी दूसरे से मिल न जाए, इसलिए ऐसा लिखा गया.


मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर, दोषी अधिकारियों पर की गयी कार्रवाई सहित मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.