NHRC का बड़ा बयान, मृतकों के सम्मान की रक्षा के लिये विशेष कानून बनाया जाए
यूपी-बिहार में गंगा नदीं में जिस तरह शव पाये जा रहे हैं, इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों से मृतकों के सम्मान के लिये विशेष कानून बनाये जाने की सिफारिश की है.
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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी करके मृतकों के अधिकार एवं सम्मान की रक्षा हेतु कानून बनाने सहित कई सिफारिशें की. आयोग ने यह पहल कोविड-19 महामारी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के शवों का कथित तौर पर सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करने संबंधी खबरों के बीच की है.
विशेष कानून बनाने का सुझाव
आयोग की अनुशंसा में विशेष कानून बनाने का सुझाव दिया गया है ताकि मृतकों के अधिकारों की रक्षा की जा सके. एनएचआरसी ने कहा कि ‘‘शवों को सामूहिक रूप से दफनाया नहीं जाना चाहिए या दाह संस्कार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह मृतक के सम्मान और अधिकार का उल्लंघन है.’’
शवों को सुरक्षित रखा जाए
आयोग ने अनुशंसा की, ‘‘अस्पताल प्रशासन को भुगतान लंबित होने पर किसी मरीज के शव को रोकने से सख्ती से रोका जाना चाहिए. लावारिस शवों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए.’’
आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में शव मिलने के बाद यह परामर्श अहम है क्योंकि उसने इस संबंध में केंद्र और दोनों राज्यों को भी नोटिस जारी करके रिपोर्ट तलब की है.
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