Farmers Protest: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने केन्द्र के साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों से पूछा है कि उद्योग-धंधों के नुकसान और आम आदमी को हो रही परेशानियों को लेकर आखिर सरकारें क्या कर रही हैं?


आयोग की तरफ से कहा गया है कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को कई शिकायतें मिली हैं. ऐसा आरोप लगाया गया है कि इस वजह से औद्योगिक इकाईयों के साथ छोटी, मध्यम और बड़ी कंपनियों पर इसका विपरीत असर हुआ है. यातायात प्रभावित होने और लंबे जाम की वजह से आम लोगों, मरीजों, शारीरिक तौर पर अक्षम व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.  






ऐसी भी रिपोर्ट्स है कि बॉर्डर पर बैरिकेड्स होने और किसानों के प्रदर्शन की वजह से लोगों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. एनएचआरसी की तरफ से यूपी, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी के साथ यूपी, हरियाणा, राजस्थान के डीजीपी और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से कहा गया है कि वे एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करें.


गौरतलब है कि पिछले साल संसद की तरफ से पास नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की सीमा के पास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि इसके जरिए केन्द्र सरकार देश की मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. इसके साथ ही, किसान एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाने की मांग कर रहे हैं. जबकि, सरकार का तर्क है कि नए कृषि कानूनों से प्राइवेट सेक्टर को कृषि क्षेत्र में आने का मौका मिलेगा और किसानों का आमदनी बढ़ेगी और उनकी हालत में सुधार होगी. 


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