Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के एमडी सतीश अग्निहोत्री बर्खास्त, डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद को मिला चार्ज
Satish Agnihotri: एनएचएसआरसीएल के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री को सरकार ने टर्मिनेट कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक उन पर ये कार्रवाई भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के चलते की गई है.
Satish Agnihotri Terminated: रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने आज बुलेट ट्रेन के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री (Satish Agnihotri) को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. 1 जुलाई 2021 को सतीश अग्निहोत्री (IRSE: 1982) को प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (बुलेट ट्रेन) का एमडी बनाया गया था. सतीश अग्निहोत्री की जगह पर बुलेट ट्रेन में ही डायरेक्टर- प्रॉजेक्ट्स के पद पर काम कर रहे राजेंद्र प्रसाद (IRSE) को तीन महीने के लिए कार्यवाहक एमडी बनाया गया है. राजेंद्र प्रसाद को ये पद अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिया गया है.
क्यों बर्खास्त किया गया सतीश अग्निहोत्री को?
सतीश अग्निहोत्री को अचानक बुलेट ट्रेन के एमडी जैसे महत्वपूर्ण पद से क्यों बर्खास्त कर दिया गया? इसे लेकर एनएचआरसीएल के आधिकारिक प्रवक्ता से जब एबीपी न्यूज़ ने सवाल पूछा तो उन्होंने कुछ भी बता पाने में असमर्थता जताई. हालांकि रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सतीश अग्निहोत्री पर कई तरह के भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं जिन्हें देखते हुए उन्हें बर्खास्त किया गया है.
सतीश अग्निहोत्री क़रीब 9 साल तक रेल विकास निगम के चेयरमैन और सीएमडी रह चुके हैं. इसी दौरान ट्रैक बिछाने के ठेकों को लेकर उनपर कई आरोप हैं. सतीश अग्निहोत्री आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्र हैं जहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
रेल विकास निगम में सतीश अग्निहोत्री का काम
आरवीएनएल के सीएमडी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, RVNL ने 3000 किमी दोहरीकरण/तीसरी लाइन, 880 किमी मीटर गेज ट्रैक को ब्रॉड गेज में बदलने, 3000 किमी रेलवे विद्युतीकरण, 85 किमी नई लाइन, 6 कारखानों और कई महत्वपूर्ण पुलों सहित 7000 किमी की परियोजना लंबाई को पूरा किया. आंध्र प्रदेश में एक नई लाइन परियोजना में 25 महीने के रिकॉर्ड समय में 7 किमी लंबी सुरंग भी पूरी की गई.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की छवि को भी था ख़तरा
दरअसल बुलेट ट्रेन (Bullet Train) प्रोजेक्ट तकनीकी और आर्थिक रूप से सीधे जापान और भारत सरकार के बीच हुए समझौते से जुड़ा है. ऐसे में इसके सभी कामों के लिए इसके साथ लगातार जापान सरकार का जुड़ाव रहता है. ऐसे में भारत सरकार नहीं चाहती कि किसी ऐसे व्यक्ति को इसका प्रमुख रहने दिया जाय जिसके ऊपर गम्भीर मामले सामने आ चुके हों.
ये भी पढ़ें: Delhi-Amritsar बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का डीपीआर का काम हुआ पूरा, 456 KM लंबे रूट पर बनेंगे 13 स्टेशन
ये भी पढ़ें: Bullet Train: देश में कब चलेगी बुलेट ट्रेन ? आखिर क्यों हो रही है देरी, जानें सब कुछ