(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नार्को टेरर नेक्सस के खिलाफ NIA को मिली बड़ी सफलता, 4 साल से फरार आतंकी गिरफ्तार, लश्कर और हिज्बुल से था लिंक
NIA Action Against Terrorists: एनआईए का एक्शन आतंकवादियों और उससे जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ लगातार जारी है. नार्को टेरर नेक्सस से जुड़े एक मामले में एजेंसी ने 4 साल से फरार आतंकी को गिरफ्तार किया है.
NIA Arrested Terrorist: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार (07 जून) को नार्को-टेरर नेक्सस पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 साल से फरार मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस आतंकी पर जम्मू-कश्मीर के एक नार्को-आतंकवादी गठजोड़ मामले में इनाम घोषित किया गया था. यह आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) से जुड़ा हुआ है.
सैयद सलीम जहांगीर अंद्राबी उर्फ सलीम अंद्राबी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा का रहने वाला है और जून 2020 से फरार चल रहा था. इसके खिलाफ आरसी-03/2020/एनआईए/जेएमयू मामले में एनडीपीएस अधिनियम, आईपीसी और यूए(पी) अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत चार्जशीट दायर की गई थी.
एनआईए को मिली बड़ी सफलता
इस आतंकी की गिरफ्तारी नार्को-आतंकवादी गठजोड़ को खत्म करने और सीमा पार स्थित आतंकवादी संगठनों के भारत में बनाए गए ईकोसिस्टम को खत्म करने के एनआईए के प्रयासों में एक बड़ी सफलता है.
दरअसल, एनआईए ने 26 जून 2020 को स्थानीय पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में ली थी. जांच के दौरान पता चला कि सलीम अंद्राबी जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में मादक दवाओं की खरीद-फरोख्त और धन जुटाने की गहरी साजिश का हिस्सा था. यह साजिश ड्रग तस्करों की ओर से आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ मिलकर रची गई थी.
जम्मू-कश्मीर आतंकी घटनाओं के लिए जुटाया फंड
एनआईए की जांच में पता चला है कि मादक पदार्थों के रैकेट से जुटाए गए फंड को आतंकवादी हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यूएस) के नेटवर्क के जरिए जम्मू-कश्मीर में पहुंचाया गया था.
यह मामला मूल रूप से हंदवाड़ा पुलिस स्टेशन में अब्दुल मोमिन पीर नामक एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था. पुलिस ने उसकी हुंडई क्रेटा गाड़ी को रोका था और 20,01,000 रुपये नकद और 2 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी. पूछताछ करने पर अब्दुल मोमिन पीर ने पुलिस को 15 किलोग्राम हेरोइन और 1.15 करोड़ रुपये नकद बरामद करने में मदद की थी.
एनआईए ने इस मामले में दिसंबर 2020 से फरवरी 2023 के बीच दायर अलग-अलग चार्जशीट के जरिए अब तक कुल 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिसमें जांच जारी है.
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