NIA Action on Terror: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2022 में आतंकवादी गतिविधियों से लेकर ड्रग्स तस्करों के गठजोड़ पर जोरदार एक्शन लिया है. एनआईए ने 2022 में कुल 73 केस दर्ज किए हैं. जो बीते साल 2021 में दर्ज 61 मामलों से 19.67 फीसदी ज्यादा हैं. एनआईए की ये कार्रवाई अब तक की सबसे कार्रवाईयों में से एक है. एनआईए ने इस साल 368 लोगों के खिलाफ 59 चार्जशीट दाखिल की हैं.
जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने कुल 456 आरोपियों गिरफ्तार किया है. इनमें से 19 आरोपी भगोड़े घोषित किए जा चुके थे. वहीं, दो आरोपियों को डिपोर्ट किए जाने पर और एक आरोपी को प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तार किया गया. एनआईए ने इस साल देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी कर आतंक की जड़ें हिला दी थीं. एनआईए की पीएफआई पर कार्रवाईयों ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
एनआईए ने किन पर की कार्रवाई?
एनआईए ने 2022 में 73 केस दर्ज किए, जिनमें से 35 केस जम्मू-कश्मीर, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में जिहादी आतंक से जुड़े मामलों में दर्ज किए गए. 11 मामले जम्मू-कश्मीर, 10 मामले माओवाद, 5 मामले उत्तर-पूर्व, 7 पीएफआई से जुड़े मामले, 4 मामले पंजाब में, 3 मामले गैंगस्टर-आतंक-ड्रग तस्कर गठजोड़ के खिलाफ, 1 मामला टेरर फंडिंग और 2 मामले जाली नोट का कारोबार करने वाले के खिलाफ दर्ज किए गए.
38 मामलों में सुनाए गए फैसले
2022 में 38 मामलों में फैसले आए हैं, जिनमें सभी मामलों में अपराध साबित हुए हैं. 109 दोषियों को सख्त कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई गई. 6 दोषियों को आजीवन कारावास यानी उम्रकैद की सजा दी गई. कुल मिलाकर 94.39 फीसदी मामलों में दोषियों को सजा दी गई है. 8 लोगों को यूएपीए की धाराओं के तहत आतंकी घोषित किया गया है और उनके खिलाफ जरूरी कदम उठाए गए हैं. वहीं, टेरर फंडिंग पर नकेल कसने के लिए एनआईए ने 78 देशों और 16 द्विपक्षीय संस्थानों के साथ मंत्री स्तर की बैठक भी की.
एनआईए ने पीएफआई के मामले में दाखिल की चार्जशीट
बीते दिनों एनआईए ने हैदराबाद की एक विशेष अदालत में पीएफआई से जुड़े 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) आतंकी प्रशिक्षण शिविरों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए लोगों की भर्ती करता है. चार्जशीट के अनुसार, सभी आरोपी मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के साथ नफरत और जहर भरे भाषणों के जरिए पीएफआई में भर्ती कर रहे थे.
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