टेरर फंडिंग मामले में NIA का बड़ा एक्शन, कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी, एक हिरासत में
NIA In Action: इशाक के भाई बिलाल भट ने बताया कि इशाक पढ़ा-लिखा नहीं है और खिड़कियों के शीशे लगाने का काम करता है. एनआईए पिछले साल दर्ज टेरर फंडिंग के मामले की जांच के संबंध में छापे मार रही है.
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Action On Terror Funding: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल दर्ज हुए एक टेरर फंडिंग मामले में मंगलवार (2 मई) को जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में 12 स्थानों पर, पीर पंजाल क्षेत्र, मध्य और दक्षिण कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने अनंतनाग के बिजबेहरा और अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की. दक्षिण कश्मीर में एक परिवार के तीन लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि एक व्यक्ति को श्रीनगर में एनआईए ने हिरासत में लिया है. हालांकि, छापेमारी पर आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि कुछ जगहों पर अभी भी छापेमारी जारी है.
बताया जा रहा है कि छापे आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश का पता लगाने के लिए उग्रवाद नेटवर्क और अन्य मामलों पर एक बड़ी कार्रवाई का हिस्सा हैं. पुलवामा, दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा, मध्य कश्मीर के बडगाम और श्रीनगर और पीर पंजाल के पुंछ और जम्मू जिले में तलाशी ली गई. सूत्रों का कहना है कि कुछ छापे पुंछ में हाल ही में हुए हमले के संबंध में थे जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे.
ओवरग्राउंड वर्कर्स के ऊपर हुई छापेमारी
सूत्रों के मुताबिक, आतंकवादी योजना विभिन्न अभियुक्त संगठनों के कैडरों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओडब्ल्यूजी) और उनके सहयोगियों या उनके पाकिस्तानी कमांडरों और संचालकों के इशारे पर तैयार की गई थी. एनआईए की कई टीमों ने केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर संदिग्धों और ओडब्ल्यूजी के परिसरों की तलाशी ली.
पिछले साल 23 दिसंबर को, एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर तलाशी ली थी, जो इस इनपुट के आधार पर दर्ज किया गया था कि तत्कालीन राज्य में विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आतंकवादी गतिविधियों को फैला रहे हैं. एजेंसी ने इसके बाद कुलगाम, पुलवामा, अनंतनाग, सोपोर और जम्मू जिलों में स्थानों की तलाशी ली.
इसमें कहा गया है, "वे जम्मू-कश्मीर में साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर आतंकवादी हमले करने, अल्पसंख्यकों, सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने में शामिल हैं." एनआईए ने पिछले साल 21 जून को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था. पिछले साल चलाए गए तलाशी अभियान में, आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने संदिग्धों के परिसरों से विभिन्न आपत्तिजनक सामग्री जैसे डिजिटल डिवाइस, सिम कार्ड और डिजिटल स्टोरेज डिवाइस जब्त किए थे.
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