Terror Funding Case: लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के बेहद करीबी अनिल छिप्पी और गैंगस्टर राजू बसौदी को NIA ने गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, जहां से कल उन्हें गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर ले लिया गया. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी दोनों आरोपियों से टेरर फंडिंग केस में पूछताछ कर रही है.
दोनों आरोपियों में से अनिल छिप्पी बड़ा शराब कारोबारी है और हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर है. वो लॉरेंस के शराब कारोबारियों से अवैध वसूली के काम को देखता है, जबकि दूसरा आरोपी राजू बसौदी भी लॉरेंस गैंग का खास है.
आधा दर्जन से ज्यादा केस दर्ज
कारौर के आनंद पहलवान हत्याकांड में लॉरेंस गैंग का नाम सामने आया था, जिसके बाद रोहतक पुलिस की नींद उड़ गई थी. राजू बसौदी के खिलाफ हत्या, लूटपाट सहित आधा दर्जन से ज्यादा केस सोनीपत और रोहतक में दर्ज हैं. फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर एक कैदी वाहन पर हमले के बाद फरार हुए, गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी की तलाश पूरे हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में भी शुरू हो गई थी. तब पता चला कि उसमें भी अनिल छिप्पी शामिल था. इससे पहले भी हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में संदीप उर्फ काला जठेड़ी, अनिल छिप्पी और राजू बसौदी ने लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर कई वारदात को अंजाम दिया है.
ऐसे मिले लारेंस और बसोदी
सोनीपत के एक गांव बसौदी के रहने वाले राजू की मुलाकात लॉरेंस गैंग से कई साल पहले हुई थी. छिप्पी ने जेल के अंदर ही कारौर के रहने वाले आनंद पहलवान की हत्या की पूरी प्लानिंग की थी. ये बात भी पुलिस तफ्तीश में साबित हो चुकी है. राजू बसौदी सोनीपत और रोहतक पुलिस का वांटेड भी रहा है. कारौर में 2001 में पूर्व सरपंच श्री भगवान का अनिल छिप्पी के साथ रंजिश शुरू हो गई. इस रंजिश में अभी तक दोनों गुटों के करीब 18 से 19 लोगों का कत्ल किया जा चुका है. रामकंवार की हत्या राजू बसौदी के कहने पर ही की गई. राजू बसोदी का नाम तभी सामने आया था, जब उसने 16 दिसंबर 2017 में बागपत के ठेकेदार नरेंद्र कुमार को गोली मारकर हत्या कर दी थी.
ये भी पढ़ें:T20 WC Final 2022: ‘फर्क नहीं पड़ाता, खेलेंगे निडर क्रिकेट...’ भारत-पाक फाइनल पर बाबर आज़म ने दिया तीखा जवाब