नई दिल्ली: विशाखापट्टनम जासूसी मामले में एनआईए ने आज इस मामले के मुख्य षड्यंत्रकारी मोहम्मद हारून हाजी उर्फ अब्दुल रहमान लकड़ावाला को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया. हारून पर आरोप है कि वह पाकिस्तान जाकर पाकिस्तानी जासूसों से मिला था और उन्हीं के निर्देश पर भारतीय नौसेना के कुछ कर्मियों के खातों में पैसे भी जमा कराए गए थे. एनआईए इस मामले में अब तक 11 नौसेना कर्मियों समेत कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है. मामले की जांच के दौरान अनेक अहम खुलासे हुए हैं.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया यह पूरा मामला एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट से संबंधित है जिसमें पाकिस्तान के अनेक जासूसों समेत भारतीय नौसेना के कुछ कर्मी तथा अन्य लोग शामिल हैं. एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि अपने आकाओं के कहने पर मोहम्मद हारून भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के अलावा अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के स्थानों और उनके कार्यों के बारे में संवेदनशील और गुप्त जानकारी एकत्र करने का काम शुरू किया. इसके तहत उसने अपने अनेक एजेंट बनाए और इन एजेंटों को कुछ नौसेना कर्मियों के संपर्क में आने को कहा गया.


आरोप है कि नौसेना कर्मी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक व्हाट्सएप आदि के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में आए और तथाकथित रिश्वत के बदले गुप्त जानकारियां इन एजेंटों तक पहुंचाई. जांच के दौरान यह भी पता चला कि इन नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में भारतीय एजेंटों के माध्यम से पैसा भी जमा किया गया एनआईए के आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें 11 नौसेना कर्मी और एक पाकिस्तानी मूल का भारतीय नागरिक सुश्री शाइस्ता केसर शामिल है.


जांच के दौरान पता चला कि मुख्य षड्यंत्रकारी मोहम्मद हारून मूलता मुंबई का रहने वाला है और क्रॉस बॉर्डर व्यापार करने की आड़ में वह अपने पाकिस्तानी आकाओं से मिलने के लिए कई बार कराची पाकिस्तान का दौरा भी कर चुका है. यह भी आरोप है कि यात्राओं के दौरान वह दो पाकिस्तानी जासूसों अकबर उर्फ अली और रिजवान के संपर्क में आया. इन दोनों पाकिस्तानी जासूसों ने ही मोहम्मद हारून को यह सलाह दी की इस काम के लिए सैन्य कर्मियों को अपने संपर्क में लाया जाए और फिर रिश्वत के बदले उनसे गुप्त जानकारियां प्राप्त की जाए. एनआईए ने आज 2 तारीख के बाद मोहम्मद हारून के ठिकानों पर छापे मारे जहां से क्या यह डिजिटल उपकरणों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बरामद किया गया है. एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद हारून से पूछताछ के दौरान अनेक बड़े खुलासे हो सकते हैं और इस मामले की जांच की आंच कई बड़े लोगों तक भी पहुंच सकती है.