नई दिल्ली: बांग्लादेश के रास्ते नकली नोट लाकर कर्नाटक में चलाने वाले शरीफ उल इस्लाम उर्फ शरीफुल्ला को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके से गिरफ्तार किया है. इस आरोपी पर एनआईए ने 50 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ था. अब एनआईए यह जानना चाहता है कि इसके बांग्लादेश से मदद करने वाले साथी कहां मौजूद हैं.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला कर्नाटक में जिला बेलागावी की थाना चिकोड़ी में 12 मार्च 2018 को 82000 रुपये के नकली नोटों की बरामदगी से संबंधित है. इस मामले में जांच के दौरान बरामद की गई रकम को नहीं बल्कि बरामद हुई मुद्रा के कर्नाटक तक पहुंचने और करेंसी नोट के कागज को लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों में भारी हड़कंप मचा था. जिसके चलते इस मामले को कर्नाटक पुलिस से लेकर जांच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दिया गया था. इस मामले की आरंभिक जांच के बाद कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था, जिन्हें कोर्ट ने नकली नोट लाने और उन्हें चलाने के आरोप में 6- 6 साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुना दी है.
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच के दौरान पता चला कि कर्नाटक में यह नोट शरीफुल्ला के माध्यम से पहुंचे थे और शरीफुल्ला के पास यह नोट उसके बांग्लादेशी मित्रों सद्दाम शेख और हकीम शेख के जरिए पहुंचे थे यानी बांग्लादेश से नक़ली नोट भारत तक लाने का माध्यम शरीफुल्लाह ही था. एनआईए की जांच के दौरान यह आरोपी गायब हो गया था लिहाजा एनआईए ने शरीफुल्ला पुत्र अबू बकर सिद्दीक निवासी बाबू पुरा जिला मालदा पश्चिम बंगाल के ऊपर 50000 रुपये का नकद इनाम भी रखा था. एनआईए के मुताबिक उसे जानकारी मिली कि यह आरोपी मालदा जिले के आसपास देखा गया है लिहाजा सूचना के आधार पर एनआईए ने जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
अब आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि बांग्लादेश से मदद करने वाले इसके साथी कहां हैं. साथ ही जो नोट बांग्लादेश के रास्ते भारत लाए जा रहे हैं, उसके बारे में इसे और क्या-क्या जानकारियां हैं. एनआईए को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं और नकली नोटों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हो सकता है. मामले की जांच जारी है.
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