NIA ने कोलकाता से प्रॉपर्टी मैनेजर को किया गिरफ्तार, माओवादी नेताओं के अवैध पैसे को प्रॉपर्टी में लगाने का आरोप
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि मनोज चौधरी मूलत: झारखंड के चालकारी गांव गिरिडीह का रहने वाला है. इस आरोपी को आज पश्चिम बंगाल के हुगली शहर से गिरफ्तार किया गया.
नई दिल्ली: एनआईए ने कोलकाता से माओवादी नेताओं के अवैध पैसे को प्रॉपर्टी में लगाने के आरोपी एक प्रॉपर्टी मैनेजर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि मनोज चौधरी नाम का यह शख्स झारखंड की गिरिडीह इलाके में साल 2018 में एक मामले में भी वांटेड था. उसके पास से अनेक जायदादों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. एनआईए ने मनोज चौधरी को पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड पर लिया है. इस पूछताछ के दौरान माओवादियों के बड़े संपत्ति रैकेट का खुलासा हो सकता है.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि मनोज चौधरी मूलत: झारखंड के चालकारी गांव गिरिडीह का रहने वाला है. इस आरोपी को आज पश्चिम बंगाल के हुगली शहर से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से अचल संपत्तियों से संबंधित लेनदेन दिखाने वाले अनेकों दस्तावेज भी बरामद किए गए. अधिकारी ने बताया कि मनोज चौधरी झारखंड के गिरिडीह जिले में भारी मात्रा में साल 2018 में हुई हथियारों की बरामदगी के मामले में भी वांछित था. इस मामले में सीपीआई माओवादी के एक मुख्य सदस्य सुनील मांझी समेत 15 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. बाद में यह मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था. एनआईए ने इस मामले में दो आरोपपत्र भी दाखिल किए थे जिनमें मनोज चौधरी का नाम भी शामिल था.
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच के दौरान पता चला की मनोज चौधरी प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी का वरिष्ठ सक्रिय सदस्य है और उसके पास माओवादी नेताओं द्वारा उगाही के पैसों से गिरिडीह जिले के प्रमुख स्थानों पर अचल संपत्तियों के खरीदने का भी काम था. यह भी आरोप है की यह संपत्तियां अलग-अलग लोगों के नाम पर खरीदी जाती थी जो मनोज चौधरी के जानने वाले भी होते थे. मनोज चौधरी के पास से जो दस्तावेज बरामद हुए हैं उसमें पैसों के बड़े लेन-देन की जानकारी छुपी हुई है जिससे पता चलता है कि मनोज चौधरी कई बड़े माओवादी आकाओं के संपर्क में था.
इन दस्तावेजों की जांच करने और माओवादियों की संपत्ति का पता लगाने के लिए एनआईए ने मनोज चौधरी को पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड पर लिया है. एनआईए के आला अधिकारी ने बताया कि इस पूछताछ के दौरान माओवादियों के बड़े संपत्ति रैकेट का खुलासा हो सकता है और यह संपत्ति माओवादियों द्वारा उगाही के पैसों से खरीदी गई थी. अधिकारी ने बताया कि यह संपत्ति इनमें से अनेक संपत्तियां गिरिडीह के अनेक प्रमुख स्थानों पर हैं जिनकी जांच की जा रही है.