मानव तस्करी रैकेट का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, भारत के रास्ते श्रीलंका के लोगों को भेजता था कनाडा
Sri Lanka Human Trafficking Case: एनआईए ने तमिलनाडु एटीएस की मदद से आरोपी को चेन्नई से गिरफ्तार किया. उसने मंडपम और तूतीकोरिन के समुद्री तट से दो बैच में श्रीलंकाई नागरिकों को भारत लाने में मदद की थी.

Sri Lanka Human Trafficking Case: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनएआईए) ने श्रीलंकाई नागरिकों की मानव तस्करी से जुड़े एक बड़े केस में मुख्य आरोपी मो. इब्राहिम को गिरफ्तार कर लिया है. इब्राहिम लंबे समय से फरार था और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी थे. एनआईए ने तमिलनाडु पुलिस की एंटी-टेरर स्क्वॉड (ATS) के सहयोग से उसे शुक्रवार (28 फरवरी 2025) को चेन्नई से गिरफ्तार किया.
भारत के रास्ते लोगों को भेजता था कनाडा
यह मामला श्रीलंकाई नागरिकों को भारत के रास्ते कनाडा भेजने के फर्जीवाड़े से जुड़ा हुआ है. तस्करी का ये नेटवर्क तमिलनाडु और कर्नाटक के जरिए काम कर रहा था. एनआईए ने इस केस को 13 जुलाई 2021 को दर्ज किया था. अब तक इस केस में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट की जा चुकी है, जिसमें से 9 गिरफ्तार हो चुके है. इब्राहिम के अलावा एक और आरोपी इमरान हज्जियार अभी भी फरार है.
गैंग के मुख्य सदस्य को NIA ने दबोचा
एनआईए की जांच में सामने आया है कि मो. इब्राहिम इस गैंग का अहम सदस्य था. उसने मंडपम और तूतीकोरिन के समुद्री तट से दो बैच में श्रीलंकाई नागरिकों को भारत लाने में मदद की थी. इसके बाद उन्हें कर्नाटक के अलग-अलग इलाकों में ट्रेन और गाड़ियों के जरिए पहुंचाया जाता था. तस्करी करने वाले इस गैंग का तरीका बेहद शातिराना था. पहले श्रीलंकाई नागरिकों को Mid-Sea में रोका जाता था. फिर उन्हें छोट नाव में ट्रांसफर किया जाता. इसके बाद उन्हें जमीन के रास्ते से सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया जाता.
मंगलुरु में मिले थे श्रीलंकाई नागरिक
इस केस की शुरुआत कर्नाटक पुलिस की रेड से हुई थी. मंगलुरु के गेस्ट हाउसों में छापेमारी के दौरान पुलिस को ऐसे श्रीलंकाई नागरिक मिले, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे. इसके बाद मामला एनआईए को सौंपा गया और गहराई से जांच शुरू हुई. एनआईए अभी भी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है. साथ ही ये पता लगाया जा रहा है कि इस गैंग में और कौन-कौन से लोग शामिल थे.
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