International Human Trafficking Racket Busted: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामलों में संलिप्त मोहम्मद इमरान खान उर्फ हाजा नजरबीडेन को गिरफ्तार किया है. एनआईए ने रविवार (22 अक्टूबर) को कहा कि खान क्षेत्र में अवैध गतिविधियों का लंबा इतिहास रखने वाला एक कुख्यात तस्कर है और श्रीलंकाई मानव तस्करी (Human Trafficking) मामले में एक प्रमुख व्यक्ति है.
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ''एजेंसी की एस्कॉन्डर ट्रैकिंग टीम (एटीटी) ने 39 वर्षीय खान को तमिलनाडु के थेनी जिले के एक अज्ञात स्थान से गिरफ्तार किया है.
'एटीटी बेंगलुरु की गतिविधियों पर थी पैनी नजर'
अधिकारी ने कहा कि मामले में एक प्रमुख व्यक्ति खान जून 2021 से फरार था. पिछले कई महीनों से एटीटी बेंगलुरु नियमित रूप से उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी, बाद में उसे गिरफ्तार किया गया.
'प्रवर्तन एजेंसियों की वांटेड लिस्ट में था इमरान खान'
अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान तमिलनाडु के रामनाथपुरम निवासी खान विभिन्न अवैध कार्यों में शामिल होने के कारण कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से वांछित भगोड़ा था.
'लिट्टे से जुड़े श्रीलंकाई नागरिक के साथ भी रची थी साजिश'
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि खान ने पूर्व में लिट्टे से जुड़े एक श्रीलंकाई नागरिक ईसान के साथ मिलकर 38 श्रीलंकाई को उनके गृह देश से अवैध रूप से तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर ले जाने की योजना तैयार की थी.
'श्रीलंकाई नागरिकों की बेंगलुरु और मंगलुरु की जगहों पर तस्करी'
उन्होंने इन व्यक्तियों को झूठे वादों का लालच दिया, जिसमें कनाडा में प्रवास के लिए वैध दस्तावेज प्राप्त करने और रोजगार के अवसर हासिल करने की संभावना भी शामिल थी. अधिकारी ने कहा कि खान ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर श्रीलंकाई नागरिकों को बेंगलुरु और मंगलुरु के विभिन्न स्थानों पर तस्करी की.
'भारत और दूसरे देशों में श्रीलंकाई लोगों की एंट्री कराने की अहम कड़ी रहा'
अधिकारी ने कहा, "जांच में पाया गया कि खान अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी से जुड़ी एक व्यापक साजिश में एक अहम शख्स है. उसने श्रीलंकाई नागरिकों को उनके देश से भारत और उसके बाद अन्य देशों में ले जाने के लिए जिम्मेदार मुख्य माध्यम के रूप में काम किया.'
'मैंगलोर से हुई थी 38 विदेशियों की गिरफ्तारी'
रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब मैंगलोर दक्षिण पुलिस ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए खुलासा किया कि श्रीलंकाई नागरिकों का एक समूह वैध दस्तावेजों के बिना मैंगलोर आया था और उसने यहां निवास किया था. इस ऑपरेशन के कारण 6 जून 2021 को मैंगलोर से 38 श्रीलंकाई नागरिकों की गिरफ्तारी हुई थी.
पिछले साल 5 भारतीय आरोपियों के खिलाफ दायर की थी चार्जशीट
मामले के अंतरराष्ट्रीय आयामों को पहचानते हुए एनआईए ने हस्तक्षेप किया और मामले को फिर से दर्ज किया. एनआईए ने इस मामले में 5 भारतीय आरोपी व्यक्तियों, दिनाकरन, कासी विश्वनाथन, रसूल, साथम उशेन और अब्दुल मुहीतु के खिलाफ 5 अक्टूबर, 2021 को प्रारंभिक चार्ज शीट दायर की थी.