NIA: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आईएसआईएस के भारत विरोधी मॉड्यूल नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार (13, जून) को बेल्लारी आईएस मॉड्यूल मामले में शामिल सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.


एनआईए की ओर से गिरफ्तार किए गए सातों आरोपियों पर युवाओं की भर्ती और उन्हें कट्टरपंथी बनाने का आरोप लगाया गया है. ताकि वे आतंकवादी स्लीपर सेल के रूप में काम कर सकें. सातों आतंकियों पर आरोप है कि वह 2025 तक भारत के हर एक जिले में 50 स्लीपर सेल तैयार करने की आईएसआईएस की बड़ी साजिश का हिस्सा थे.


भारत के खिलाफ रच रहे थे गहरी साजिश


NIA के मुताबिक, सभी आरोपी केंद्र सरकार के खिलाफ जिहाद छेड़कर भारत में खिलाफत व्यवस्था स्थापित करने की साजिश को भी रच रहे थे. इसके साथ ही NIA ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.






बेल्लारी में एक ट्रायल ब्लास्ट को दे चुके अंजाम


एनआईए की जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों की ओर से तैयार किए गए विस्फोटक उपकरण देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हिंसा फैलाने के लिए बनाए गए थे. आरोपी पहले ही कर्नाटक के बेल्लारी में एक ट्रायल ब्लास्ट को अंजाम दे चुके हैं और जिहाद से जुड़े डिजिटल दस्तावेज और डेटा को अन्य युवाओं के साथ साझा कर रहे थे. एनआईए ने जांच के दौरान विस्फोटक सामग्री, धारदार हथियार, आईएसआईएस सहित विभिन्न आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रकाशित जिहाद से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डेटा को जब्त किया था.


मोहम्मद सुलेमान ने खुद को घोषित किया था प्रमुख


आरोप पत्र में शामिल छह आरोपियों ने अपने सह-आरोपी मोहम्मद सुलेमान उर्फ ​​मिनाज से वफादारी की शपथ ली थी, जिसने खुद को ग्रुप का प्रमुख घोषित किया था. मिनाज के अलावा एनआईए ने अन्य छह लोगों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया है. अन्य लोगों की पहचान कर्नाटक निवासी मोहम्मद मुनीरुद्दीन, सैयद समीर और मोहम्मद मुजम्मिल, महाराष्ट्र निवासी अनस इकबाल शेख, झारखंड के मोहम्मद शाहबाज उर्फ ​​जुल्फिकार और दिल्ली के शायन रहमान उर्फ ​​हुसैन के रूप में की है.


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