Mominpur Violence: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बीते साल 9 अक्टूबर को कोलकाता में इकबालपुर-मोहनपुर झड़प की जांच कर रही है. इस मामले में एनआईए की टीम ने शनिवार (7 जनवरी) को कोलकाता की एक विशेष अदालत में मामले में चार्जशीट दाखिल की. रिपोर्ट के अनुसार, 400 पन्नों की चार्जशीट में कुल 14 लोगों को नामजद किया गया था, जिनमें से एनआईए ने आठ को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि छह अन्य अब भी फरार हैं. 


हालांकि, कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा झड़पों के संबंध में पहले गिरफ्तार किए गए सभी 20 व्यक्तियों को एनआईए की चार्जशीट में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि एनआईए के अधिकारियों को उन 20 लोगों के खिलाफ मामले में कोई सुराग नहीं मिला है जिन्हें शहर की पुलिस ने पहले गिरफ्तार किया था.


एनआईए ने की थी छापेमारी


4 जनवरी को एनआईए की टीम ने झड़प के सिलसिले में कोलकाता और उसके आसपास के 17 स्थानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान टीम ने भुकैलाश रोड और मयूरभंज रोड के कुछ आवासों से 33.87 लाख रुपये की नकदी बरामद की थी. इसके अलावा टीम ने धारदार हथियार व अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया. छापेमारी के दौरान एनआईए की टीम को स्थानीय निवासियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा था.


लक्ष्मी पूजा के दौरान हुई थी झड़प


गौरतलब है कि लक्ष्मी पूजा के मौके पर झड़पें हुईं और हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के दौरान पुलिस उपायुक्त रैंक का एक अधिकारी भी घायल हो गया. जिसके बाद में पुलिस ने 30 लोगों को हिरासत में लिया. 19 अक्टूबर को एनआईए ने एसआईटी से मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. एसआईटी का गठन कलकत्ता हाईकोर्ट के एक निर्देश के बाद किया गया था. 10 नवंबर को नदिया में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआईए पर राज्य में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.


ये भी पढ़ें : Covid 19 Update:कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड लेने वालों में दिखी अच्छी इम्यूनिटी- स्टडी में हुआ खुलासा