नई दिल्लीः पुलवामा हमले के मामले में एक आरोपी को एनआईए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कांग्रेस के सवाल पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सफाई दी है. अपनी सफाई में एनआईए ने कहा है कि यूसुफ चोपन पुलवामा का आरोपी नहीं था. जांच एजेंसी ने कहा कि उसे एक अन्य मामले में जैश-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर साजिश करने के आरोप में एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार किया था. सबूतों के अभाव में यूसुफ के खिलाफ चार्जशीट फाइल नहीं की गई. इसलिए यूसुफ को जमानत दे दी गई.


NIA की सफाई


कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद एनआईए ने अपनी सफाई में कहा, ''कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर कहा जा रहा है कि स्पेशल एनआईए कोर्ट (नई दिल्ली) ने पुलवामा हमले के आरोपी यूसुफ चोपन को जमानत दे दी है. यह साफ किया जाता है कि यूसुफ चोपन कभी भी पुलवामा केस में आरोपी नहीं था.''


PSA के तहत भेजा गया जेल


एनआईए कोर्ट ने 12 फरवरी 2020 को यूसुफ चोपन को जमानत दी थी. हालांकि, पुलवामा के डीएम के आदेश पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत यूसुफ को कोट भगवाल जेल में भेज दिया गया है.


कांग्रेस ने उठाए थे सवाल


जमानत की खबरों के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यूसुफ चोपन को पुलवामा आतंकी हमले का दोषी बताते हुए कहा कि पुलवामा हमले के दोषी को जमानत मिल गई है, क्योंकि नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने न तो सबूत इकट्ठे किए और न ही आरोपपत्र दायर किया.





पवन खेड़ा ने बोला था हमला


वहीं कांग्रेस नेता पवन खेरा ने गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को लताड़ लगाई और पुलवामा हमले के आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने में अपनी "विफलता" पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कामकाज पर निराशा व्यक्त की थी.


14 फरवरी 2019 को हुआ था पुलवामा हमला


ध्यान रहे कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के पास सीआरपीएफ की 76 वीं बटालियन की एक बस से जैश-ए- मोहम्मद के आतंकियों ने विस्फोटक भरी गाड़ी टकरा दी थी जिसके चलते लगभग 42 जवान और अधिकारी मारे गए थे.


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