NIA Raids In Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के ढांगरी गांव में जनवरी में लश्कर-ए-तैयबा की ओर से किए गए आतंकी हमले के मामले में एनआईए ने शनिवार (30 सितंबर) को पुंछ जिले में कई संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की. आतंकी हमले में पांच नागरिक मारे गए थे और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.  



इन जगहों पर एनआईए ने की छापेमारी


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि जांच एजेंसी ने दो गिरफ्तार आरोपियों के खुलासे पर पुंछ में मेंढर तहसील के गुरसाई गांव में पांच स्थानों पर छापेमारी की. एजेंसी ने निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन को 31 अगस्त को गिरफ्तार किया था. वे वर्तमान में केंद्रीय जेल, कोट भलवाल, जम्मू में बंद हैं.


एक जनवरी को ढांगरी गांव में नागरिकों पर आतंकियों की गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई थी, अगले दिन आतंकवादियों की ओर से रखे गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में विस्फोट होने से दो लोगों की मौत हो गई थी. 


एनआईए को छापेमारी में क्या-क्या मिला?


प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए की टीम ने उन स्थानों पर व्यापक तलाशी ली, जिन्हें आरोपियों ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े आतंकियों के आवासीय परिसर के रूप में बताया था. प्रवक्ता ने कहा कि छापेमारी में कई डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया और साजिश का खुलासा करने के लिए उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को पनाह दी थी.


पाक स्थित लश्कर के आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे थे आरोपी- एनआईए


प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोपियों ने आतंकवादियों को दो महीने से ज्यादा समय तक कई तरह की सहायता प्रदान की और उन्हें अपनी ओर से बनाए गए ठिकाने में आश्रय दिया.’’ प्रवक्ता ने कहा, ''जांच के अनुसार, दोनों आरोपी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं सैफुल्ला उर्फ साजिद जट, अबू कताल उर्फ कताल सिंधी और मोहम्मद कासिम के निर्देश पर काम कर रहे थे.''


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