नई दिल्ली: पाकिस्तान बॉर्डर से ड्रोन के जरिए भारत में हथियार पहुंचाने के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख रणजीत सिंह नीटा समेत दो लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. रणजीत सिंह नीटा मूलत: जम्मू का रहने वाला है जबकि दूसरा आरोपी गुरूमीत सिंह पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला बताया गया है और अभी जर्मनी में रह रहा है. नीटा को पाकिस्तान में बताया गया है.
एनआईए के मुताबिक, 22 सिंतबर 2019 को इस बारे में अमृतसर पुलिस ने इस बाबत मुकदमा दर्ज किया था जिसके बाद में जांच के लिए एऩआईए को सौंप दिया गया था. इस बारे में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एनआईए को ड्रोन हथियार मामले की जांच के दौरान पता चला कि इन मामलों के पीछे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स की अहम भूमिका है और उसका प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और उसका साथी गुरूमीत उर्फ बग्गा इन हथियारो को आंतकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भारत में पहुंचा रहा था.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि पंजाब जम्मू से सटी पाकिस्तान सीमा पर इस तरह की अनेकों घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. अधिकारी ने बताया कि इस गुट ने कुछ स्थानीय आंतकवादियो की भर्ती भी की है और इन ड्रोनों के जरिए नकली नोट पहुंचाने की कोशिश भी की जा रही है. एऩआईए के मुताबिक, इस बाबत गिरफ्तार हुए आरोपियों ने अनेक अहम खुलासे किए हैं जिनके आधार पर जांच जारी है.