Udaipur Murder Case: उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी-एनआईए ( National Investigation Agency-NIA) अब इस मामले के अजमेर कनेक्शन को खंगालने में जुटी है.गौरतलब है कि अजमेर (Ajmer) में 17 जून को भड़काऊ भाषण देने वाले ख़ादिम गौहर चिश्ती (Khadim Gauhar Chisht) की उदयपुर यात्रा बात सामने आने के बाद अजमेर पुलिस चिश्ती की तलाश में जुट गई है. बताया जा रहा है कि वह अभी राजस्थान (Rajasthan) से बाहर भाग गया है. 


भाषण देने पर आया था एनआईए के रडार पर


अजमेर में 17 जून को भड़काऊ भाषण देने वाला गौहर चिश्ती अजमेर पुलिस की नजरों में आया था. इसके बाद इसे एनआईए (NIA) के रडार पर आने में भी देर नहीं लगी. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक़ ये तो तय है कि अजमेर में उकसाने वाला भाषण देने के बाद उसी दिन 17 जून को गौहर चिश्ती उदयपुर (Udaipur) गया था.  हालांकि उसकी मुलाक़ात कन्हैया के हत्यारों रियाज़ अख्तरी (Riyaz Akhtari) और मोहम्मद गौस (Mohammad Gaus) से हुई थी इसकी पुष्टि होना अभी बाक़ी है.


कौन है गौहर चिश्ती


गौहर चिश्ती अजमेर के ख़ादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी (Anjuman Committee) के सचिव सरवर चिश्ती (Sarwar Chishti) का भतीजा है. वह अजमेर दरगाह(Ajmer Dargah) पर ख़ादिमों को ज़ियारत करवाता है. उसका घर भी अजमेर के ख़ादिम (Khadim) मोहल्ले में है.


चिश्ती पर पहले से हैं मामले दर्ज


कोतवाली में गौहर चिश्ती के ख़िलाफ़ पहले से दो मामले दर्ज है. गौरतलब है कि 17 जनवरी 2020 को भी गौहर चिश्ती को एक गंभीर मामले में पुलिस ने पकड़ा था. दरअसल इस मामले में उस दिन ऑटो में सवार होकर गौहर ने अजमेर के गुलाब बाड़ी (Gulab Bari) इलाक़े के एक ब्रिज से सीआरपीएफ (CRPF) परिसर के वीडियो बनाने की कोशिश की थी.


इसकी जानकारी पुलिस को मिलते ही पुलिस और सीआईडी (CID) ने उसे नए बाजार से पकड़ा था. इसके बाद उसे अजमेर के कोतवाली थाना लाया गया. उसके पुलिस थाने लाए जाने की खबर जैसे ही दरगाह इलाक़े में फैली सैंकड़ों की संख्या में ख़ादिम कोतवाली थाने में जमा हो गए. इनमें गौहर के चाचा सरवर चिश्ती भी शामिल थे. हालांकि उस वक्त गौहर के ख़िलाफ़ कोई मुक़द्दमा दर्ज नही हुआ था और पुलिस ने केवल उसका मोबाइल ज़ब्त कर उसे छोड़ दिया था.


लेकिन अब उसके ख़िलाफ़ तीसरा मामला भड़काऊ भाषण देने का भी दर्ज है. ये मुक़द्दमा उसके ख़िलाफ़ अजमेर के दरगाह थाने में दर्ज हुआ है और तभी से गौहर चिश्ती फ़रार चल रहा है. अजमेर पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ ये बात सही नही है कि रियाज़ अख्तरी और गौस मोहम्मद कन्हैया की हत्या करने के बाद अजमेर में गौहर चिश्ती के पास पनाह लेने आ रहे थे.


क्योंकि कन्हैया की हत्या 28 जून को हुई थी, लेकिन गौहर चिश्ती के ख़िलाफ़ इससे पहले ही मुक़दमा दर्ज हो चुका था और वो फ़रार चल रहा था. लेकिन अब कन्हैया लाल की हत्या का अजमेर कनेक्शन तलाश रही जांच एजेंसियों को टेलर कन्हैया लाल के हत्या आरोपियों से पूछताछ के लिए एक नया मुद्दा भी मिल चुका है.


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