NIA Chargesheet On PFI Members: एनआईए (NIA) ने 26 जुलाई, 2022 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे गांव में बीजेपी के युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेतरू की हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) के 20 सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. एनआईए का कहना है कि इस संगठन का उद्देश्य समाज में आतंक फैलाना और लोगों में डर पैदा करना था.


आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने बेंगलुरु की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 153ए, 302 और 34 और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1)(ए) के तहत आरोप पत्र दायर किया है. एजेंसी ने बताया कि चार्जशीट किए गए 20 पीएफआई सदस्यों में से छह फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी की सूचना के लिए इनाम घोषित किए गए हैं.


चार्जशीट में कौन-कौन?


एनआईए ने बताया कि महद शियाब, ए बशीर, रियाज, एम पैचार, मसूद केए, कोडाजे मोहम्मद शेरिफ, अबुबकर सिद्दीक, नौफल एम, इस्माइल के, के इकबाल, शहीद एम, महद शफीक जी, उमर फारूक एम आर, अब्दुल कबीर सीए, मुहम्मद आई शा, सैनुल आबिद वाई, शेख हुसैन, जकीर ए, एन अब्दुल हारिस, थुफैल एमएच का नाम चार्जशीट में है.


PFI ने किया 'किलर स्क्वॉड' का गठन


जांच एजेंसी ने कहा कि चार्जशीट किए गए अभियुक्तों में मुस्तफा पाइचर, मसूद केए, कोडाजे मोहम्मद शेरिफ, अबुबकर सिद्दीक, उमर फारूक एमआर और थुफैल एमएच फिलहाल फरार हैं. जांच से ये भी पता चला है कि पीएफआई ने आतंक, सांप्रदायिक घृणा और समाज में अशांति पैदा करने के लिए 'सर्विस टीम' या 'किलर स्क्वॉड' का गठन किया था.


PFI को क्यों किया गया बैन?


गौरतलब है कि 27 सितंबर को भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके उपर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया था. पीएफआई पर प्रतिबंध का मुख्य आधार यह भी है कि लगातार उनके काडरों को हथियारबंद ट्रेनिंग दी जा रही थी, जिससे वह किसी विशेष धर्म या समुदाय के ऊपर टारगेट कर सके.


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