डेरा समर्थक मनोहर लाल की हत्या के आरोप में NIA ने दाखिल की चार्जशीट, जानें- पूरा मामला
डेरा समर्थक मनोहर लाल (Manohar Lal) की हत्या को लेकर एनआईए (NIA) ने चार्जशिट दाखिल की है. आरोप है कि यह हत्या आतंकवादी संगठन खालिस्तान (Khalistan) टाइगर फोर्स के इशारे पर की गई थी.
Manohar Lal Murder Case: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) के समर्थक मनोहर लाल की हत्या के आरोप में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र मोहाली की विशेष एनआईए कोर्ट (NIA Court) के पेश किया है. आरोप है कि यह हत्या आतंकवादी संगठन खालिस्तान (Khalistan) टाइगर फोर्स के इशारे पर की गई थी. इस मामले में शामिल दो अन्य आरोपी अभी कनाडा में बताए जा रहे हैं. एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि जिन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश किया गया है उनमें मोगा जिले के कमलजीत शर्मा उर्फ कमल, फिरोजपुर जिले के राम सिंह उर्फ सोना के अलावा अर्शदीप सिंह और हरदीप सिंह निज्जर के नाम शामिल हैं.
सभी चार आरोपियों में से अर्शदीप और हरदीप दोनों इस समय कनाडा में बताए जाते है. एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक यह मामला पहले पंजाब के थाना दयालपुरा में 20 नवंबर 2020 को दर्ज हुआ था जहां मनोहर लाल को दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बताया गया था कि मनोहर लाल डेरा सच्चा सौदा के समर्थक थे और धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से यह हत्या की गई थी. यह भी पता चला की हत्या कमलजीत शर्मा और राम सिंह नाम के 2 लोगों द्वारा की गई थी. बाद में इस मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दी गई थी. जहां 8 अक्टूबर 2021 को यह मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान पता चला कि हरदीप सिंह निज्जर नाम का शख्स खुद को आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का स्वयंभू मुखिया बताता बताता है. इस घटना में उसके साथ उसका साथी अर्शदीप सिंह भी शामिल है.
दोनों ने मिलकर पंजाब में अराजकता फैलाने के लिए एक आतंकी संगठन बनाया और इस आतंकी संगठन में कमल जीत शर्मा और राम सिंह की समेत अनेक लोगों की भर्ती की गई. यह दोनों पंजाब में लोगों को धमकी देकर उगाही करने का काम करते थे. साथ ही दोनों टारगेट किलिंग का काम भी करते थे. अपने कमांडरों के इशारे पर इन दोनों ने डेरा सच्चा सौदा के समर्थक की हत्या की जिससे पंजाब में धार्मिक हिंसा फैल जाए और यह लोग अपने मकसद में कामयाब हो जाएं.
हालांकि, समय रहते सुरक्षाबलों की सतर्कता के कारण धार्मिक हिंसा तो नहीं फैली लेकिन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल, एनआईए बाकी के जो दोनों आरोपी कनाडा में बैठे हुए हैं उन्हें भारत वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद लेने जा रहा है.