Jamaat-e-Islami: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को टेरर फंडिंग को लेकर बड़ी पहल की है. दरअसल, जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी (JEI) से जुड़े अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट (AHET) के आतंकी फंडिंग मामले में आज (5 अप्रैल) चार्जशीट दाखिल की है.
अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट पर आरोप है कि उसने बैन होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में अपना नेटवर्क फैलाया. इस ट्रस्ट में चैरिटी के नाम पर चंदा जुटाया जाता था और फिर उस चंदे को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता था. एनआईए ने बताया कि अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट ने अपने भारत विरोधी अभियान को आगे बढ़ाने के लिए पैसे जुटाने के लिए ट्रस्ट की स्थापना की थी. यह ट्रस्ट बैन के बाद भी भारत विरोधी एजेंडा चलाता रहा.
पाकिस्तान के आतंकी भी शामिल
इस केस में पाकिस्तान के आतंकियों के नाम भी सामने आए हैं. एनआईए ने एक बयान में बताया है कि पाकिस्तान में मौजूद हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मुश्ताक अहमद मीर उर्फ मुश्ताक अहमद जरगर उन चार व्यक्तियों और संस्थाओं में शामिल हैं जिनका नाम चार्जशीट में दर्ज है.
ट्रस्ट अध्यक्ष का नाम शामिल
एनआईए ने कहा कि इस मामले में शामिल आरोपित अन्य लोगों में अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट, मो. आमिर शम्शी, 'रुकुन' (प्राथमिक सदस्य) और अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष, और शोपियां निवासी अब्दुल हमीद गनई उर्फ अब्दुल हामिद फैयाज हैं. चारों पर यूए (पी) अधिनियम और आईपीसी के साथ में विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं."
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में व्यापक जांच करने और कई जगहों पर छापेमारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर की एक स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है. बता दें कि जांच एजेंसी ने अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट की फंडिंग गतिविधियों को संज्ञान में लेते हुए केस दर्ज किया था. एनआईए ने पिछले साल 2022 में जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों में टेरर फंडिंग केस में छापेमारी की थी. जिन जिलों में छापेमारी की गई थी उनमें पुंछ, राजौरी, जम्मू, श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा, बांदीपोरा और शोपियं शामिल थे.
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