Human Trafficking Case: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी करने के आरोप पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने तमिलनाडु के छह व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किया है. इस मामले में आरोप है कि इन लोगों ने अपने श्रीलंकाई सहयोगियों की मदद से श्रीलंका के नागरिकों को कनाडा तथा विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी की. इनमें 38 श्रीलंकाई नागरिकों को इसी साल चार बैचों में भारत लाया गया था जो बाद में पकड़े गए थे.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मुकदमा 10 जून 2021 को तमिलनाडु के मैंगलोर थाने में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोप था कि श्रीलंका के नागरिकों को विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है और इसके बदले उनसे लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं. पुलिस को यह भी पता चला कि इस अंतर्राष्ट्रीय रैकेट में भारतीयों के अलावा कुछ श्रीलंकाई लोग भी शामिल हैं. पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ श्रीलंकाई नागरिक अवैध तरीके से बिना दस्तावेजों के एक लॉन्ज में रह रहे हैं. सूचना के आधार पर जब पुलिस ने वहां छापेमारी की तो 13 श्रीलंकाई नागरिक पकड़े गए.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि इन श्रीलंकाई नागरिकों से कनाडा आदि भेजने के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक वसूल किए गए थे. इन लोगों को यह बताया गया था कि भारत से एक जहाज कनाडा जा रहा है इस आधार पर श्रीलंकाई आरोपियों ने अपने यहां के नागरिकों से धोखाधड़ी की और अपने भारतीय साथियों की मदद से इन लोगों को तमिलनाडु और कर्नाटक भेज दिया. जांच के दौरान पता चला कि ऐसे 38 श्रीलंकाई नागरिकों को इसी साल 27 फरवरी 2021 से 10 अप्रैल 2021 के बीच में चार बैचों में तमिलनाडु और कर्नाटक लाया गया था. इन लोगों से एक करोड़ 84 लाख श्रीलंका की मुद्रा वसूल की गई थी और यह मुद्रा ईशान नाम के श्रीलंकाई ने वसूल की थी.
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक आज जिन छह भारतीयों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश किया गया है, उनमे दिनाकरण उर्फ अय्या काशी विश्वनाथ, रसूल, सद्दाम हुसैन, अब्दुल मोहितू और सुकृत शामिल है. यह सभी तमिलनाडु के रहने वाले बताए जाते हैं. इनके श्रीलंकाई सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है मामले की जांच जारी है.