नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि दक्षिणी राज्यों सहित विभिन्न राज्यों के कुछ लोगों के इस्लामिक स्टेट (IS) में शामिल होने की बात केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के सामने आई है. इसको लेकर नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 17 मामले दर्ज किए हैं.


गृह मंत्रालय ने कहा कि एनआईए ने तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आईएस की उपस्थिति से संबंधित 17 मामले दर्ज किए हैं और 122 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.






इन राज्यों में आईएस सबसे ज्यादा सक्रिय


बता दें कि राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि एनआईए की जांच में पता चला है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय है.


गृह राज्य मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय और सरकारी सुरक्षा एजेंसियों को दक्षिण भारत सहित विभिन्न राज्यों से कुछ लोगों के आईएस में शामिल होने के बारे में पता चला है. उन्होंने बताया 'अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है. इसे देखते हुए संबद्ध एजेंसियां साइबर स्पेस की सतत निगरानी कर रही हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है.


मंत्री ने बताया 'सरकार के पास सूचना है कि इन लोगों को वित्त कैसे मुहैया कराया जा रहा है और अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए उन्हें विदेशों से कैसे मदद मिल रही है.'


जी किशन रेड्डी ने बताया कि इस्लामिक स्टेट, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स (आईएसकेपी), आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है.


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