एनआईए ने कहा, "हमने बंद हो चुकी मुद्रा को जब्त किया है. जिसका मूल्य 36,34,78,500 रुपये है. साथ ही जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी वित्त पोषण मामले के संबंध में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है."
हालांकि, जब्त की गई राशि का विवरण और गिरफ्तारी की जानकारी तत्काल नहीं मिल पाई है. गिरफ्तार किए लोगों में अलगाववादी नेता और कश्मीरी व्यापारी भी शामिल हैं, जिनपर आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद पहुंचाने का आरोप है. फिलहाल ये लोग तिहाड़ जेल में बंद हैं.
एनआईए का यह दावा विपक्ष द्वारा किए जा रहे दावे के बीच आया है. दरअसल विपक्ष ने दावा किया था कि आठ नवंबर, 2016 को 1,000 और 500 रुपये के नोटों (लगभग 86 प्रतिशत मुद्रा बाजार का हिस्सा थी) का प्रचलन बंद करने के फैसले ने आतंकवाद को रोकने और सीमा पार से इसके वित्तपोषण पर कोई प्रभाव नहीं डाला है.