NIA Investigation On Khalistan: एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आतंकी क्राइम सिंडिकेट से करोड़ों रूपये की उगाही कर उसका इस्तेमाल टेरर एक्टिविटी में कर रहे हैं. कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों का सबसे बड़ा उगाही का जरिया भारत में अवैध शराब का धंधा और एक्सटॉर्शन बन गया है.
उगाही से आए करोड़ों रूपयों को कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ और जेल में बंद जग्गू भगवानपुरिया सुरेंद्र सिंह चीकू, राजेश कुमार,राजू मोटा और दिलीप बिश्नोई की मदद से एग्रीकल्चरल लैंड और प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करते हैं.
जांच में पता चला कि ये सभी प्रॉपर्टी तमाम खालिस्तानी आतंकी अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदते हैं. ऐसी ही तमाम प्रॉपर्टी और एग्रीकल्चरल लैंड की पहचान के लिए एनआईए ने बकायदा इश्तिहार देकर मदद की अपील की है. साथ ही इनसे आए प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा टेरर एक्टिविटी को बढ़ावा देने में किया जाता है. सोशल मीडिया के जरिए ये तमाम आतंकी पंजाब और अन्य राज्यों में अपने गैंग के लिए रिक्रूटमेंट का काम करते हैं.
गुरपतवंत सिंह पन्नू की प्रॉपर्टी एएनआई ने की जब्त
इससे पहले एएनआई ने सिख फॉऱ जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चंडीगढ़ और अमृतसर में उसकी प्रॉपर्टी जब्त की थी. चंडीगढ़ में एनआई ने खालिस्तानी गुरपतवंत पन्नू के सेक्टर 15 वाले घर को जब्त किया जबकि अमृतसर के खानकोट गांव में पन्नू की 46 कनाल एग्रीकल्चरल लैंड जब्त की गई.
भारत में पन्नू के खिलाफ कई मामले दर्ज, इनाम भी घोषित
एनआईए ने पन्नू पर इनाम भी घोषित कर रखा है. भारत में पन्नू के खिलाफ देशविरोधी साजिश समेत कुल 7 केस दर्ज हैं. इससे पहले साल 2020 में गुरपतवंत सिंह पन्नू को भगोड़ा घोषित करते हुए उसकी संपत्तियां कुर्क की गई थीं.
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