NIA ने गुरुवार (28 नवंबर 2024) को मानव तस्करी और जबरन साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में देश के 6 राज्यों में 22 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. ये छापेमारी बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब में 17 संदिग्धों के ठिकानों पर की गई.


NIA की जांच में इन संदिग्धों को एक संगठित तस्करी गिरोह का हिस्सा पाया गया है. जो भारतीय नौजवानों को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ले जाकर जबरन साइबर फ्रॉड के लिए मजबूर करता है. इन संदिग्धों की पहचान कंबोडिया स्थित भारतीय एजेंटों के साथियों, रिश्तेदारों और को-एजेंट्स के रूप में हुई है.


नौजवानों को विदेश भेजने का जाल


ये संदिग्ध नौकरी की तलाश में गए नौजवानों को विदेश भेजने, उनके पैसों के लेन-देन और अन्य लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं का इंतज़ाम करने में शामिल थे. छापेमारी के दौरान एनआईए ने कई डिजिटल एविडेंस जैसे मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप और कुछ दस्तावेजों के साथ-साथ संपत्ति और वित्तीय दस्तावेज भी जब्त किए हैं. इसके अलावा, करीब 35 लाख रुपये नकद भी बरामद किए हैं.


NIA की जांच में ये भी सामने आया है कि इन नौजवानों को बड़ी कंपनियों में नौकरियों का झांसा देकर विदेश ले जाया जाता था. लेकिन वहां पहुंचने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे और उन्हें साइबर धोखाधड़ी में शामिल कंपनियों को बेच दिया जाता था.


शारीरिक और मानसिक यातनाओं का सामना


पीड़ितों द्वारा NIA को दिए गए बयानों में खुलासा हुआ है कि इन कंपनियों के मालिकों द्वारा साइबर धोखाधड़ी करने से इनकार करने पर उन्हें मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जाती थीं. जिनमें बिजली के झटके देना भी शामिल था. NIA इस मामले में आगे की जांच कर रही है.


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