राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से संबंध रखने वाले सत्रह व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.  इसमें एजेंसी ने 17 लोगों को नामित किया है. ये सभी संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित थे. इस आतंकी संगठन का उद्देश्य हिंसक कृत्यों के माध्यम से भारत में शरीयत आधारित इस्लामी राष्ट्र बनाना था.


एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने मोहम्मद आलम, मिस्बाह उल हसन, मेहराज अली, खालिद हुसैन, सैयद सामी रिजवी, यासिर खान, सलमान अंसारी, सैयद दानिश अली, मोहम्मद शाहरुख, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद करीम, मोहम्मद अब्बास अली, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद सलीम, अब्दुर रहमान, शेख जुनैद और मोहम्मद सलमान को चार्जशीट में नामित किया है.


'मध्य प्रदेश में कर रहे थे भर्ती'
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक इस सभी के नाम 9 मई को भारतीय दंड संहिता (IPC) और यूएपपीए अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर में दर्ज किया गए थे. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि एचयूटी के सदस्य मध्य प्रदेश में गुप्त रूप से भर्ती कर रहे थे और अपना कैडर बना रहे थे.


अधिकारी ने कहा, ''आरोपी एचयूटी की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित थे, जिसका उद्देश्य हिंसक कृत्यों के माध्यम से भारत में शरीयत-आधारित इस्लामी राष्ट्र बनाना था.''


संगठन ने पनी गतिविधियों को गुप्त रखा 
उन्होंने पकड़े जाने से बचने के लिए अपनी गतिविधियों को गुप्त रखा और अपने समूह में समान विचारधारा वाले लोगों को जोड़ा. साथ ही गुप्त रूप से भर्ती किए गए लोगों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए. उनको हथियार चलाने और कमांडो रणनीति का प्रशिक्षण दिया गया था.


'आतंक फैलान था मकसद'
अधिकारी ने आगे कहा कि उनकी योजनाएं और रणनीतियां पुलिसकर्मियों पर हमले करने की थी. साथ ही उनके निशाने पर विभिन्न समुदायों के लोग भी थे. इसके अलावा संगठन का उद्देश्य लोगों के बीच आतंक भी पैदा करना था, ताकि भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डाल जा सके.


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