NIA Operation In CG: छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों में NIA का एक्शन, दो गिरफ्तार; मोबाइल फोन, प्रिंटर-कैश बरामद
NIA Big Action In Naxalite Area: NIA ने शुक्रवार को आधा दर्जन स्थानों पर गहन तलाशी ली गई और कई सारे मोबाइल फोन, एक प्रिंटर और 39,100 रुपये की नकदी के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.
NIA Big Operation In Naxalite Area: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को सीपीआई (माओवादी) की गिरफ्तारी और हथियार बरामदगी मामले में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया.
अशांत क्षेत्र में आधा दर्जन स्थानों पर गहन तलाशी ली गई और कई सारे मोबाइल फोन, एक प्रिंटर और 39,100 रुपये की नकदी के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए. आज (29 जून) जिन छह परिसरों में तलाशी ली गई, वे कांकेर जिले के सुदूरवर्ती गांवों मुजालगोंडी, कलमुच्चे, आमाबेड़ा और जिवालमारी में स्थित है. बता दें कि एनआीए की जांच के बाद से ही इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.
NIA Searches Multiple Locations in Naxal-Affected Chhatisgarh Region in CPI (Maoist) Arrest & Arms Case pic.twitter.com/HF14Qaq26S
— NIA India (@NIA_India) June 28, 2024
5 फरवरी 2024 को पुलिस ने दर्ज किया था मामला
एनआईए मामले की जांच जारी रखे हुए है. इस मामले को स्थानीय पुलिस ने 5 फरवरी 2024 को दर्ज किया था. वहीं एनआईए ने 22 फरवरी इस मामले को अपने अंडर में ले लिया था. प्रारंभिक जांच में मामले में दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई है.
खुल सकते हैं कई राज
छत्तीसगढ़ के नक्सलियों से प्रभावित इलाकों में भाजपा नेताओं की हत्या, माओवादियों की गिरफ्तारी और इसके बाद हथियार बरामदगी के केस में NIA की टीम एक्शन मोड में आ गई है. एनआईए ने बीते लगातार तीन दिनों से बस्तर जिले के विभिन्न ठिकानों पर दबिश दे कार्रवाई कर रही है. बीते रोज (28 जून) शुक्रवार को ये कार्रवाई कांकेर में भी हुई. कल दिनभर चली कार्रवाई में एनआईए ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया था. कहा जा रहा है कि गिरफ्तार किए दो लोगों से पूछताछ की जाएगी. कहा तो ये भी जा रहा है कि पूछताछ के बाद बड़े खुलासे भी हो सकते हैं.
एक साल में आधा दर्जन से ज्यादा भाजपा नेताओं की हत्या
सबसे पहले एनआईए की टीम ने नारायणपुर में भी नक्सली इलाकों के कई ठिकानों पर दबिश दी थी. यहां से भी मिली जानकारी के बाद कई बड़े खुलासे होने का अनुमान जताया जा रहा है. बता दें कि नक्सलियों ने 1 साल के अंदर आधा दर्जन से ज्यादा भाजपा नेताओं की हत्या की है.