नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिजबुल मुजाहिद्दीन नार्को टेररिज्म मामले में आज हिजबुल मुजाहिद्दीन के पूर्व कमांडर रियाज नायकू के करीबी समझे जाने वाले इकबाल सिंह के कथित खास सहयोगी और हवाला ऑपरेटर मनप्रीत सिंह के पंजाब स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. एनआईए का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान 9 एमएम के 130 जिंदा कारतूस और 20 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई. इससे पहले एनआईए ने इस मामले में एक चार्जशीट 11 लोगों के खिलाफ विशेष अदालत के सामने दाखिल की था.


एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक यह मामला हिजबुल मुजाहिद्दीन नार्को टेरर फंडिंग मामले से जुड़ा हुआ है और इस मामले में पहले पंजाब पुलिस ने एक मुकदमा दर्ज किया था. आरोपों के मुताबिक हिजबुल मुजाहिद्दीन का तत्कालीन कमांडर रियाज आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने और धन इकट्ठा करने की मकसद से अमृतसर आया था. इसके तहत पंजाब पुलिस ने 25 अप्रैल 2020 को आरोपियों से एक टाटा ट्रक से 29 लाख रुपये जब्त भी किए थे.


एनआईए को सौंपी जांच


उस समय यह भी बताया गया था कि रियाज नाइकू अपने ओवर ग्राउंड वर्कर हिलाल अहमद के साथ वहां आया था. यह भी आरोप था कि इस मामले में पंजाब के कुछ हवाला ऑपरेटर और अन्य लोग इन लोगों को सहयोग कर रहे हैं. बाद में आठ मई 2020 को यह मामला जांच के लिए पंजाब पुलिस ने एनआईए को सौंप दिया था. एनआईए ने इस मामले की जांच के बाद रंजीत सिंह उर्फ चीता और इकबाल सिंह उर्फ शेरा समेत अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट के सामने दाखिल की थी.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पाया गया कि मनप्रीत सिंह, जिस पर हवाला ऑपरेटर होने का आरोप है, उसने चीता और शेरा के कहने पर मादक द्रव्य पदार्थ हथियार जमा किए थे और ड्रग्स से होने वाली लगभग 35 लाख रुपये की आय को रंजीत सिंह उर्फ चीता के रिश्तेदार विक्रम सिंह और विक्की को दिए थे. एनआईए के मुताबिक सूचना के आधार पर मनप्रीत सिंह के गुरदासपुर और अमृतसर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई.


इस छापेमारी के दौरान 20 लाख रुपये नकद, 9 एमएम के 130 जिंदा कारतूस ड्रग्स को पैक किए जाने वाली पॉलिथीन बैग के गुच्छे, एक हुंडई वर्ना कार, दो पहिया वाहन और अनेक संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए है. वास्तव में जांच एजेंसी जानना चाहती है कि इस रैकेट से और किस-किस के तार जुड़े हुए हैं. साथ ही ड्रग्स से आया हुआ पैसा किन लोगों के पास जा रहा है और किन लोगों के जरिए आतंक फैलाने के लिए हथियार खरीदे जा रहे हैं. वहीं इस मामले की जांच जारी है.


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