आतंक की रीढ़ पर NIA का एक्शन! टेरर फंडिंग मामले में जम्मू कश्मीर के 7 जिलों में छापेमारी जारी
जम्मू कश्मीर में G20 समिट से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने छापेमारी जारी है. उसने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामलों में जम्मू कश्मीर के सात जिलों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है.
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में आतंक की रीढ़ पर NIA का एक्शन जारी है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जम्मू-कश्मीर के सात जिलों में 15 जगहों पर छापेमारी कर रही है.
जम्मू-कश्मीर के सात जिलों पुलवामा, अवंतीपोरा, अनंतनाग, श्रीनगर, कुपवाड़ा और जम्मू संभाग के पुंछ में छापेमारी की जा रही है. ये छापे टेरर फंडिंग/मिलिटेंसी से जुड़े मामलों के सिलसिले में मारे जा रहे हैं.
National Investigation Agency (NIA)conducted searches at 15 locations in seven districts - Srinagar, Pulwama, Avantipora, Anantnag, Shopian, Poonchh and Kupwara - in J&K today in connection with two terror-related cases.
— ANI (@ANI) May 20, 2023
कुपवाड़ा में एनआईए रेड के ताजा अपडेट्स
एक तरफ जहां जम्मू कश्मीर के 7 जिलों में रेड जारी है तो वहीं कुपवाड़ा में एनआईए की रेड के बारे में कुछ जानकारी मिली है. अधिकारियों के मुताबिक शनिवार (20 मई) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सुबह 6 बजे जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की. उनके मुताबिक ये छापेमारी उग्रवादियों को काबू में करने में बड़ी उपयोगी साबित होगी क्योंकि यह उनके आर्थिक तंत्र को तोड़ने का काम करेगी.
19 मई को की थी अहम गिरफ्तारियां
इससे पहले 19 मई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में अहम गिरफ्तारियां की हैं. एनआईए ने कनाडा में रह रहे आतंकवादी अर्श ढल्ला के दो करीबी सहयोगि को फिलीपीन से दिल्ली हवाई अड्डा पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब निवासी अमृतपाल सिंह उर्फ ‘अम्मी’ और अमरीक सिंह के मनीला से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचने पर आज सुबह एजेंसी की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया. वे दोनों मनीला में रह रहे थे.
अधिकारी ने बताया कि भारत में प्रतिबंधित संगठनों की गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों से जुड़े एक मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.एनआईए ने कहा कि जांच में पता चला है कि आरोपियों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के लिए धन जुटाने और सीमा पार से इसके लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों की तस्करी करने के मकसद से एक आपराधिक साजिश रची थी.