नई दिल्ली: कल्याणकारी गतिविधियों को अंजाम देने के नाम पर अलगाववादियों और आतंकवादियों के लिए धन जुटाने के आरोप में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में अपनी छापेमारी लगातार दूसरे दिन भी जारी रखी. इस छापेमारी के दौरान एनआईए को अनेक अहम इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज बरामद हुए हैं. एनआईए का दावा है कि इन दस्तावेजों की जांच के दौरान आतंकी फंडिंग को लेकर खुलासे हो सकते हैं.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया इस मामले में एनआईए ने 8 अक्टूबर 2020 को आपराधिक षड्यंत्र समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज किया था. यह मुकदमा केंद्रीय गृह मंत्रालय को खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना के आधार पर दर्ज किया गया था. इन खुफिया सूचनाओं में बताया गया था कि कुछ एनजीओ और ट्रस्ट विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के नाम पर देश और विदेश से दान एकत्रित कर रहे हैं. यह भी आरोप था कि इस पैसे को विभिन्न चैनलों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर भी भेजा जा रहा है.
जम्मू कश्मीर तक पैसा पहुंचाने के लिए हवाला और नकदी कोरियर का भी इस्तेमाल किया जा रहा था. आरोप के मुताबिक इस पैसे का इस्तेमाल विभिन्न अलगाववादियों और आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाने का शक है. सूचना के आधार पर एनआईए ने जम्मू कश्मीर और दिल्ली में अनेक एनजीओ और ट्रस्टों पर छापेमारी की. एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक जिन ट्रस्टों और एनजीओ पर छापेमारी की गई उनमें दिल्ली और अनंतनाग में मानव कल्याण फाउंडेशन श्रीनगर में जफर अकबर भट्ट द्वारा संचालित मुक्ति आंदोलन, अब्दुल कादिर द्वारा संचालित पीड़ितों की आवाज, फलाह ए आम ट्रस्ट. दिल्ली में जफरुल इस्लाम द्वारा चलाया जा रहा चैरिटी अलायंस एनजीओ शामिल है.
एनआईए अधिकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में 7 स्थानों पर और दिल्ली में दो स्थानों पर छापेमारी की गई एनआईए का दावा है कि छापेमारी के दौरान अनेक अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जप्त किए गए हैं. एनआईए सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच की आंच कुछ पत्रकारों समेत अनेक अहम लोगों तक पहुंच सकती है.