स्वतंत्रता दिवस से पहले NIA का बड़ा एक्शन, पांच राज्यों में PFI के कई ठिकानों पर की छापेमारी
NIA Raids: पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर बीते साल केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. आरोप था कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता आईएसआईएस में शामिल हो गए थे.
NIA Raid On PFI: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार (13 अगस्त) को पांच राज्यों में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की. एक अधिकारी ने बताया कि लोगों के बीच सांप्रदायिक भावना पैदा कर शांति भंग करने और देश को अस्थिर करने की पीएफआई (PFI) की साजिश को नाकाम करने के प्रयासों के तहत ये कार्रवाई की गई. स्वतंत्रता दिवस से पहले एनआईए ने ये बड़ी कार्रवाई की है.
उन्होंने बताया कि केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार में 14 स्थानों की तलाशी ली गई, जिसमें कई डिजिटल डिवाइसज के साथ-साथ आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए. एनआईए ने केरल के कन्नूर और मालप्पुरम, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, महाराष्ट्र के नासिक और कोल्हापुर, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बिहार के कटिहार में रेड मारी है.
पीएफआई पर एनआईए की कार्रवाई
एनआईए आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ की गतिविधि के जरिए 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए एक सशस्त्र कैडर बनाने के पीएफआई और उसके शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों को उजागर करने और विफल करने के लिए काम कर रहा है.
भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की साजिश
जांच एजेंसी के अनुसार, पीएफआई समाज के कुछ वर्गों के खिलाफ लड़ाई छेड़कर अपने भारत विरोधी हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें हथियार प्रशिक्षण प्रदान करने की साजिश रच रहा है. एजेंसी को शक है कि कई मध्य स्तर के पीएफआई सदस्य प्रशिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं, जो अपने कट्टरपंथी कैडर के लिए विभिन्न राज्यों में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं.
कई महीनों से छापेमारी कर रही एजेंसी
उन्होंने कहा कि इसी साजिश को नाकाम करने के लिए एनआईए छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है. खुफिया जानकारी के आधार पर जांच एजेंसी इन कैडरों और गुर्गों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पिछले कई महीनों से अलग-अलग राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है.
पीएफआई पर लगा है बैन
एनआईए ने अप्रैल 2022 में दिल्ली में पीएफआई के खिलाफ मामला दर्ज किया था. केंद्र सरकार ने बीते साल पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगाया था. उस दौरान पीएफआई के कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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