NIA Raids: एनआईए का बड़ा एक्शन, जम्मू-कश्मीर के 7 जिलों में छापेमारी
NIA Raids in Jammu Kashmir: एनआईए के अधिकारियों ने पुलिस और सीआरपीएफ की सहायता से श्रीनगर में एचआईजी कॉलोनी बेमिना में जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ता 85 वर्षीय गुलाम मोहम्मद भट के घर पर छापा मारा.
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकी फंडिंग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सात जिलों में 15 स्थानों पर छापेमारी की है. प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की आतंकी गतिविधियों के मामले में जम्मू-कश्मीर में पुलिस और सीआरपीएफ की सहायता से छापे मारे गए. कश्मीर संभाग के पुलवामा, अवंतीपोरा, अनंतनाग, श्रीनगर, कुपवाड़ा और जम्मू संभाग के पुंछ में छापेमारी की जा रही है.
एनआईए के अधिकारियों ने पुलिस और सीआरपीएफ की सहायता से श्रीनगर में एचआईजी कॉलोनी बेमिना में जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ता 85 वर्षीय गुलाम मोहम्मद भट के घर पर छापा मारा. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में एनआईए की टीम ने केवी-पोरा मरहामा निवासी मुदासिर अहमद डार के घर पर छापा मारा. दूसरी टीम ने गोआउ पुलवामा निवासी गुलाम कादिर वानी के घर की तलाशी ली क्योंकि वह जेईआई से संबद्ध था.
इन इलाकों में की जा रही छापेमारी
एनआईए की टीम ने सरकारी शिक्षक शमीम अहमद ठोकर के घर ठोकरपोरा राजपोरा में भी छापा मारा, जबकि एनआईए की एक अन्य टीम ने पुलवामा जिले के काकापोरा इलाके के वानबल नेहामा निवासी मंसूर अह डार के घर की तलाशी ली. उत्तरी कश्मीर में, वारपोरा जचलदरा, हंदवाड़ा में उबैद खजिर मलिक के घर की तलाशी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से ली जा रही है. एक अन्य छापेमारी में नेहामा में मुश्ताक अहमद राठेर और अब्दुल रशीद मलिक के घरों की तलाशी ली जा रही है.
एजेंसी ने गुलाम अहमद मलिक के बेटे अब्दुल रशीद मलिक के डफरपोरा नेवा स्थित एक अन्य घर पर भी छापा मारा. वह नेहामा काकापोरा निवासी वकील जाहिद का करीबी रिश्तेदार बताया जाता है जो वर्तमान में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत है. जम्मू-कश्मीर में अन्य स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, जिसका विवरण बाद में साझा किया जाएगा.
एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि छापेमारी के बाद आगे की जानकारी साझा की जाएगी. केंद्र ने 2019 में जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए इस आधार पर प्रतिबंध लगा दिया था कि यह आतंकवादी संगठनों के साथ 'निकट संपर्क में' था और राज्य में 'अलगाववादी आंदोलन को बढ़ाने' की कोशिश कर रहा था.
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